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विदर्भ में 9 की डूबने से मौत

स्वाधीनता दिवस के पर्यटनोत्सव पर लगा दाग

  • नियमों की अनदेखी और मनमानी करना पडा भारी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – स्वाधीनता दिवस पर छुट्टी को ‘एन्जॉय’ करने हेतु पर्यटन स्थलों पर जानेवाले लोगों की संख्या काफी अधिक रहती है और लोगबाग अपने परिवारों के साथ पर्यटन स्थलों की सैर करते है. वहीं युवा वर्ग द्वारा अपने यार-दोस्तों के साथ पर्यटन स्थलों की सैर की जाती है. इसमें में भी युवा वर्ग द्वारा सैरसपाटा कम और हुल्लडबाजी काफी अधिक की जाती है, जो कभी-कभी बेहद भारी और महंगी साबित होती है. ऐसा ही कुछ विगत रविवार 15 अगस्त को भी हुआ, जब अमरावती सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर कुल 9 लोगोें की गहरे पानी में डूब जाने की वजह से मौत हुई. इसमें जहां पर्यटन नगरी चिखलदरा में दो घटनाओं में तीन युवक डूबकर मारे गये, वहीं गोसीखुर्द बांध में दो सगे भाईयों, चंद्रपुर के आसोला-मेंढा तालाब में दो मित्रों, सालबर्डी के तालाब में एक युवक तथा गोंदिया के रावणवाडी में एक युवक की डूब जाने से मौत हो गई.
बता दें कि, विगत रविवार 15 अगस्त को अकोला के अकोटफैल निवासी शेख इकरम शेख हुसैन कुरेशी (26) तथा शेख आजीम शेख शकुर (27) अपने करीब 9 दोस्तों के साथ स्वाधीनता दिवस पर घुमने-फिरने के लिहाज से चिखलदरा आये थे और चिखलदरा के विभिन्न पॉइंटस् पर घुमने-फिरने के बाद यह सभी लोग मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के मेलघाट वन्यजीव विभाग अंतर्गत जत्रा डोह पॉइंट पर पहुंचे. इस स्थान पर काफी उंचाई से झरना नीचे उतरता है. जिसके नीचे जाने की मनाही है. किंतु इसके बावजूद ये सभी लोग डोह में उतरे और एक-दूसरे पर पानी उडाते हुए खिलवाड करने लगे. इसी चक्कर में वे गहरे पानी में चले गये. जहां पर दो लोगोें की डूब जाने की वजह से मौत हो गई. वहीं एक अन्य घटना के तहत चिखलदरा पुलिस स्टेशन अंतर्गत आनेवाले पोपटखेडा-खटकाली मार्ग पर स्थित पीरबाबा नदी में डूबकर अंजनगांव तहसील अंतर्गत चौसाला गांव निवासी हरिश जानराव कालमेघ की डूब जाने की वजह से मौत हुई, जो शनिवार को नहाने व तैरने के लिहाज से नदी में उतरा था और डूब गया. पश्चात उसका शव रविवार को नदी से बाहर निकाला गया.
इसके अलावा सालबर्डी के हाथी डोह में डूब जाने की वजह से नागपुर जिले की नरखेड तहसील अंतर्गत जलालखेडा गांव निवासी विशाल राजेंद्र कांबले नामक युवक की रविवार को मौत हुई. साथ ही गोंदिया जिले के रावणवाडी पुलिस थानांतर्गत रजेगांव घाट पर निकाली गई कावड यात्रा में शामिल प्रमोद वंजारी (36, रजेगांव) की नदी में डूब जाने की वजह से मौत हुई है.
उधर चंद्रपुर जिले की सावली तहसील अंतर्गत पाथरी स्थित आसोला-मेंढा तालाब की नहर में पाथरी निवासी सूरज नानाजी नेवारे (20) तथा गडचिरोली जिले के बामनी निवासी सोनू पितांबर सोरटे (25) नामक दो युवकों की डूब जाने की वजह से मौत हुई. बता दें कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए फिलहाल आसोला-मेंढा पर्यटन स्थल को सरकार द्वारा बंद रखा गया है. किंतु ये दोनोें युवा पुलिस की नजर बचाकर तैरने का आनंद लेने के लिए आठ फीट गहरी नहर में कूदे. इस समय पानी की गहराई और बहाव कुछ अधिक रहने की वजह से दोनों डूबने लगे. जिनकी चीख-पुकार सुनकर कुछ पुलिस कर्मचारी और आसपास मौजूद लोग भी पानी में कूदे, लेकिन बावजूद इसके पानी का बहाव काफी अधिक रहने के चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका.

  • गोसीखुर्द में डूबे दो सगे भाई

अपने दोस्तों के साथ गोसीखुर्द बांध पर घुमने के लिए आये उमरेड (जि. नागपुर) निवासी मंगेश मधुकर जुनघरे (37) तथा विनोद मधुकर जुनघरे (35) इन दो सगे भाईयों की वैनगंगा नदी में डूब जाने की वजह से मौत हो गई. पता चला है कि, ये सभी लोग नदी किनारे बैठे हुए थे. इसी बीच संतुलन बिगड जाने की वजह से विनोद जुनघरे नदी के पानी में जा गिरा और डूबने लगा. छोटे भाई विनोद को पानी में डूबता देख बडे भाई मंगेश ने भी उसे बचाने के लिए वैनगंगा नदी के पानी में छलांग लगायी. किंतु यह प्रयास पूरी तरह से असफल रहा और पानी की गहराई व बहाव काफी अधिक रहने की वजह से दोनों ही भाईयों की पानी में डूबकर मौत हो गई.

  • सतर्कता व सावधानी जरूरी

अक्सर लोगबाग पर्यटन स्थलों पर रमणीय दृश्यों व प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने हेतु पहुुंचते है. इन स्थानों पर सरकारी व प्रशासनिक दिशानिर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी होता है और कई बार इन नियमों व निर्देशों की अनदेखी करना जान पर भारी पड सकता है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके है. जहां पर लोगों की पानी में डूबने अथवा खाई में गिरने की वजह से मौत हुई है. लेकिन लोगबाग ऐसे हादसों से कोई सबक नही लेते. जिसकी वजह से बार-बार ऐसे हादसे घटित होते रहते है. जिनकी वजह से पर्यटन और सैरसपाटे की खुशियां गम और मातम में बदल जाती है.

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