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जिंदा महिला के नाम पर जारी कर दिया डेथ सर्टिफिकेट

परिजनों ने चेहरा देखा तो हुआ खुलासा

नागपुर/दि.१० – एक बीमार महिला के जिंदा रहते उनके रिश्तेदारों को डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया गया और उन्हें किसी और की डेडबॉडी दे दी गई. यह घटना नागपुर के कोविड केयर सेंटर में शनिवार सुबह 8 बजे की है. नागपुर के डोंगरगाव में स्थित गायकवाड पाटील कोविडालय में हुई इस घटना के खिलाफ हिंगणा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा दी गई है.
महिला का नाम आशा मून है. इनकी उम्र 63 साल है. शुक्रवार को इन्हें पता चला कि ये कोरोना पॉजिटिव हैं. इनसे कोविड संक्रमण पूरे परिवार को ना फैल जाए इसलिए महिला के परिवार वालों ने इन्हें डोंगरगाव इलाके में स्थित गायकवाड पाटील कोविडालय में भर्ती करवा दिया. रात के 11.30 बजे इन्हें भर्ती करवाया गया. भर्ती करवाने के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने रिश्तेदारों को घर भेज दिया. शनिवार सुबह 8 बजे के करीब रिश्तेदारों को कोविडालय से फोन आया. फोन में बताया गया कि आशा मून की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. चेहरा नहीं देखा होता, तो किसी और का अंतिम संस्कार होता
सभी रिश्तेदार जल्दी से अस्पताल पहुंचे. वहां अस्पताल कर्मचारियों ने आशा मून के नाम से उन्हें डेथ सर्टिफिकेट सौंप दिया. साथ ही प्लास्टिक बैग में रखी डेड बॉडी ले जाने को कहा. रिश्तेदारों ने डेड बॉडी का चेहरा देखने की जिद की. जब उन्होंने देखा कि डेड बॉडी का चेहरा आशा मून का नहीं है तो वे उस तरफ दौड़े जहां उन्होंने आशा मून को रखा था. आशा मून अपने उसी पलंग में बैठी हुई मिलीं. जब रिश्तेदारों ने सवाल पूछना शुरू किया तो अस्पताल के बाउंसरों ने इस रिश्तेदारों को अस्पताल से बाहर कर दिया. इसके बाद रिश्तेदारों ने तुरंत आशा मून को डिस्चार्ज करवाया और उन्हें होम आइसोलेशन में रखा. बाद में रिश्तेदारो ने इस पूरी घटना की शिकायत नागपुर के ही हिंगणा पुलिस स्टेशन में दर्ज करवा दी.

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