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मुक्तक सम्राट धीरुभाई वैद्य का निधन

दोपहर बाद हुई अंत्येष्टि

* शहर के साहित्य जगत में शोक
अमरावती/दि.11- मुक्तक सम्राट के रुप में समस्त विदर्भ में प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित कवि एवं ख्यातनाम व्यवसायी धीरजलाल वैद्य उर्फ धीरुभाई वैद्य का आज मंगलवार 11 अक्तूबर की सुबह करीब 8 बजे लंबी बीमारी पश्चात निधन हो गया. वे 88 वर्ष के थे. वे अपने पीछे पुत्र प्रदीप और नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार छोड गये हैं. ऐसे ही अपने चाहने वालों का भी एक बडा वर्ग छोड गये हैं. स्व. धीरूभाई वैद्य की अंतिम यात्रा आज दोपहर 4 बजे रायली प्लॉट स्थित उनके निवास से निकाली गई. पश्चात उनके पार्थिव पर बेहद शोकाकुल वातावरण के बीच हिंदू स्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किये गये.
* उपलब्धियों से पूर्ण जीवन का अल्प परिचय
धीरुभाई वैद्य ने अपने करियर की शुरुआत प्रॉपर्टी ब्रोकर के रुप में की थी. अमरावती में अनेक लेआउट और सैकडों प्लाट, नगरों के सौदे आपने ही करवाए. कालांतर में जवाहर रोड पर राठी मार्केट में कर्टन कलेक्शन नाम से प्रतिष्ठान आरंभ किया. आपके 2 पुत्र प्रदीप और दीपक हुए. छोटे बेटे दीपक का निधन कुछ वर्ष पूर्व हो गया. प्रदीप वैद्य उद्यमी है.
धीरुभाई वैद्य हमेशा ही अनेक सामाजिक और साहित्य की संस्थाओं से जुडे रहे. भारत हिंदी पुस्तकालय के आप अध्यक्ष थे. बालकृष्णलाल हवेली के स्थायी ट्रस्टी के रुप में भी आपने महत कार्य किये. जायंट्स और रोटरी सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं में धीरुभाई ने विविध पदों पर प्रभावी कार्य किया.
* पीडा का पनघट और अन्य कृतियां
धीरुभाई ने अनेक देशों की सफल यात्राएं भी की. ऐसे ही उन्हें कविताएं लिखने का बडा शगल रहा. पीडा का पनघट और अन्य कृतियां आपकी है. महाराष्ट्र राज्य गुजराती साहित्य अकादमी के मानद सभासद भी आप रहे हैं. उसी प्रकार हिंदी साहित्य अकादमी से आपको पुस्तक प्रकाशन का अनुदान प्राप्त हुआ था.
* महफिलों में छा जाते मुक्तक सम्राट
धीरुभाई अपनी चार-चार पंक्तियों की रचनाओं के लिए प्रसिद्ध हो गये थे. अनेक महफिलों को आपने रोशन किया. जमकर वाह-वाही लूटी. इस कदर आपके मुक्तक पसंद किये जाते. अनेक कवि गोष्ठी, कवि सम्मेलनों में धीरुभाई छाये रहे. जिससे जानकारों ने उन्हें मुक्तक सम्राट के नाम से बुलाना आरंभ कर दिया.
* साहित्य जगत में शोक
धीरुभाई पिछले कुछ माह से बीमार थे. उंचे पूरे कद के धीरुभाई ने लगभग परिपूर्ण जीवन जिया. हिंदी और गुजराती साहित्य में योगदान किया. 2 पुस्तकों के अलावा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं को सम्मानजनक स्थान मिला. वैद्य के निधन से साहित्य क्षेत्र में शोक व्याप्त हो गया है. अमरावती के साहित्यकार सर्वश्री भगवान वैद्य, विजय व्यास, पवन नयन जायस्वाल, शंकर भूतडा, श्याम दम्माणी, डॉ. आशा पाण्डेय, प्रा. रमेश मूंधडा, प्रा. उदयन शर्मा, डॉ. ज्योति व्यास, डॉ. ज्योति मंत्री, प्राचार्य विजयकुमार भांगडिया, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल आदि अनेक गणमान्यों ने धीरुभाई के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है और उनके निधन को अमरावती के साहित्य जगत की बडी क्षति बताया है.

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