
परतवाड़ा/अचलपुर दि. २४ – चार दिन पूर्व एक मासूम चेहरे वाला 26 वर्षीय युवक ललित जीवतानी अपने ब्राम्हण सभा स्थित घर से करीब दो किमी दूर जाकर रात के अंधेरे में गले को फांसी लगा लेता है.माँ बाप की आंखों का नूर इस प्रकार आत्मघाती कदम उठा ले तो सिर्फ माँ बाप ही नही पूरा शहर सिहर उठता.हुआ भी वही. शहरभर के बुद्धिजीवी हतप्रभ है.साधन संपन्न और आर्थिक रूप से भरापूरा कोई निर्व्यसनी युवक इस प्रकार आत्महत्या क्यो करेंगा.इस पर परतवाड़ा में जानकर लोग अपनी अपनी शंका और कुशंकाएँ भी प्रगट कर रहे.पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या पृष्टि हुई से लेकर मोबाइल डीसीआर रिकार्ड तक खंगालने की बात कही जा रही.वो डिप्रेशन में था, मानसिक रूप से पीड़ित था यह भी एक जांच विशेष का भाग हो सकता है.लोग बताते है कि ललित को डिप्रेशन का शिकार नही कहा जा सकता.फिर रात के दो-ढाई बजे कोई पुत्र घर से बाहर जा रहा है तो उससे समाधानकारक पूछताछ तो अभिभावक कर ही सकते है.वो ड्रायवर बुलाने गया था, उसे आकोला ही जाना था तो फिर झोला साथ क्यो ले गया? उसने टिंबर डिपो रोड का गणेश मंदिर ही क्यो चयन किया?
ललित साधन संपन्न परिवार का चिराग था.किसी बात की कोई कमी नही.नोकर चाकर भी भरपूर है.कभी लिखने की कोई आदत नहीं रही.मोबाइल के युग मे लोग अब पेन से लिखना भी तकरीबन भूल चुके है.ललित ने तीन पेज का सुसाइड नोट लिखा.कहाँ बैठकर लिखा, पेन,कागज कहा से लिये,घर पर लिखा टाओ लिखते हुए क्यो नही दिखाई दिया.शो रूम पर लिखा तो भी क्यो नही दिखा.इतनी मास्टरी से फांसी का फंदा जो तैयार किया गया,उसके लिए योग्य प्रकार की रस्सी लाना, फंदा तैयार करना आदि ललित के बस की बात नही लगती.फांसी ली तो पैर जमीं पर ही टिके नजर आए.आम तौर पर फांसी में पैर जमीं से ऊपर लटके दिखाई देते है.फिर जीभ,आंखे भी उसकी शांत और यथावत ही दिखाई दी.फांसी से आत्महत्या में जीभ,गला और आंखे प्रभावित होती.खुद कई पुलिस अधिकारी भी इसकी पृष्टि करते है.
निश्चित रूप से ललित का यूं अकस्मात छोड़कर जाना असंख्य लोगो को आहत कर गया.हेमा और मायरा का हमदम चला गया.उसका जाना गलत है,लेकिन उसका यूं रहस्यमयी जाना तो और भी अन्यायकारी कहा जायेगा.हर पहलू की जांच तो होनी ही चाहिए.मोबाइल तो वैसे भी पुलिस की काफी मदत करते है.शोरूम का स्टाफ और उसमें भी कही कोई विवाद,अनबन या फिर अन्य कुछ विशेष बात भी हो सकती है.यदि ललित ने आत्महत्या ही किया तो ये सिर्फ शहरभर के लिए ही चिंता का विषय होंगा.शून्य से एक फीसदी संभावना के आधार पर दूसरे हिस्से को भी खंगालना होंगा.ताकि यदि किसी ने उस युवक साथ कोई अत्याचार किया हो तो वो भी सामने आ सके.सच सामने आए,यही ललित को सच्ची श्रद्धांजलि भी होंगी.