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बढ़ा हुआ वेतनश्रेणी रद्द करने के निर्णय को स्थगिति

उच्च न्यायालय के ७९० शिक्षको को मिली राहत

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२ – गडचिरोली व भंडारा जिले के नक्षल व आदिवासी क्षेत्र में कार्यरत ७९० सहायक शिक्षको को दी जानेवाली एकस्तर पर बढी हुई वेतन श्रेणी रद्द करनेवाले तथा शिक्षको की ओर से अतिरिक्त वेतन की वसूली निकालने वाले विवादग्रस्त निर्णय पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अंतरिम स्थिगिती दिली हैे इसके अलावा राज्य सरकार को नोटिस देकर इस बात पर ४ सप्ताह में उत्तर मांगा है.
इस संदर्भ में पीडित शिक्षको ने याचिका दर्ज की हैे. इस पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुके्र व अनिल किलोर के समक्ष सुनवाई हृुई. याचिकाकर्ता में गडचिरोली जिले के ५३४ और भंडारा जिले के २५६ शिक्षको का समावेश है. इसमें शिक्षको को ६ अगस्त २००२ के निर्णयानुसार एकस्तर पर बढ़ी हुई वेतनश्रेणी दी गई है. वे १२ वर्ष से आदिवासी व नक्षत्र क्षेत्र में कार्यरत है. जिसके कारण विवादग्रस्त निर्णय द्वारा एकस्तर पर बढ़ा हुआ वेतन श्रेणी का लाभ १२ वर्ष पूरे होने के बाद से रद्द किया गया हैे. उसी प्रकार शिक्षको को दी गई अतिरिक्त वेतन की वसूली निकाली गई है. उस पर शिक्षको का आक्षेप है. यह निर्णय अवैध होने से उनका कहना है. उच्च न्यायालय की स्थगिति के कारण उन्हें अंतिम राहत मिली है. शिक्षको की ओर से एड. प्रदीप क्षीरसागर ने पैरवी की.

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