अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी और कालाबाजारी मामले के मुख्य सूत्रधार तथा तिवसा उपजिला अस्पताल के निलंबित अधीक्षक डॉ. पवन मालुसरे अब तक पुलिस की पकड से दूर है. ऐसे में डॉ. पवन मालुसरे को वॉन्टेड आरोपी घोषित करते हुए उसके नाम पर इनाम घोषित किया जाये. इस आशय की मांग भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी दिघडे ने की है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में निवेदिता चौधरी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी व कालाबाजारी का मामला उजागर होते ही यदि अमरावती शहर पुलिस ने सभी आरोपियों की पुलिस कस्टडी मांगी होती, तो अब तक यह पता चल जाता कि, इस मामले में कौन-कौन लिप्त है. किंतु राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस द्वारा खुद ही इस मामले में आरोपियों को भाग निकलने के रास्ते उपलब्ध कराये जा रहे है. जिसके तहत मामला उजागर होते ही सभी आरोपी हाथ में रहने के बावजूद उनकी पुलिस रिमांड नहीं मांगी गई. इस बात का फायदा उठाते हुए डॉ. पवन मालुसरे फरार होने में कामयाब हो गया. निवेदिता चौधरी के मुताबिक किसी मोबाईल चोरी मामले में पुलिस द्वारा गल्ली से लेकर दिल्ली तक जांच पथक भेजे जाते है और जेब कतरों के फोटो वॉन्टेड के तौर पर दीवारों पर लगाये जाते है, किंतु कोविड संक्रमण काल के दौरान रेमडेसिविर जैसे जीवनावश्यक दवाई की चोरी और कालाबाजारी के मामले में लिप्त डॉ. पवन मालुसरे को केवल राजनीतिक दबाव के चलते छूट दी जा रही है, जबकि कई लोगों ने डॉ. पवन मालुसरे को अमरावती शहर में खुलेआम घूमते देखा है. किंतु वह केवल अमरावती शहर पुलिस को ही दिखाई नहीं दे रहा और शायद पुलिस भी डॉ. पवन मालुसरे को अग्रीम जमानत मिलने की राह देख रही है. इस आशय का आरोप लगाते हुए निवेदिता चौधरी ने कहा कि, यदि डॉ. पवन मालुसरे के साथ पुलिस कस्टडी में सही ढंग से पूछताछ होती है, तो कई अचंभित करनेवाले नाम और कहानियां सामने आ सकते है.