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सूखे मेवों की मांग में तेजी, पर दाम स्थिर

रोग प्रतिकारक शक्ति बढाने में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते है सुखे मेवे

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४ -अमूमन यह होता है कि, यदि बाजार में किसी वस्तु की मांग और बिक्री बढ जाती है, तो उस वस्तु के दाम बढने शुरू हो जाते है. लेकिन इन दिनों ड्रायफु्रट के मामले को लेकर स्थिति थोडी उलट है. रोग प्रतिकारक क्षमता बढाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते सुखे मेवे की मांग और बिक्री इन दिनों बढ गयी है, लेकिन बावजूद इसके काजू व बादाम जैसे सूखे मेवों के दाम घटने के साथ ही स्थिर चल रहे हैं.
इन दिनों कोरोना के चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही तनातनी का लाभ इस समय आम भारतीय ग्राहकों को हो रहा है. उल्लेखनीय है कि, ड्रायफु्रट बाजार में सर्वाधिक मांग अमरीकन बादाम को होती है. जिसके दुनिया में भारत और चीन ही दो सबसे बडे खरीददार है. लेकिन विगत अनेक दिनों से अमरीका व चीन के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात के चलते चीन ने अमरीका से की जानेवाली बादाम की खरीदी को रूकवा दिया है. साथ ही अफगानिस्तान व पाकिस्तान में अस्थिरता रहने की वजह से भी माल की आवक बंद है. जिसके चलते बादाम की होलसेल दरें १५० से २०० रूपये प्रति किलो से घट गयी है और बादाम इस समय ६०० से ७०० रूपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. वहीं मामरा बादाम अब भी २६०० से ३२०० रूपये प्रति किलो की दरों पर ही बिक रहा है. ज्ञात रहे कि, इन दिनों सभी तरह के होटल व रेस्टॉरेंट बंद पडे है. साथ ही विवाह समारोह भी आयोजीत नहीं हो रहे. जिसकी वजह से सूखे मेवों की पहले जैसी मांग और बिक्री नहीं बची है. हालांकि आम ग्राहकोें द्वारा अपने स्वास्थ्य के लिहाज से सूखे मेवों की जमकर खरीददारी की जा रही है.
लेकिन फुटकर ग्राहकी में तेजी रहने के बावजूद दामों में गिरावट जारी है. इस समय होलसेल बाजार में काजू ६०० से ९०० रूपये, नमकीन काजू १००० रूपये, अखरोट ६०० से ७०० रूपये, अंजीर ८०० से १००० रूपये, किसमिस २०० से ३०० रूपये, अखरोट मगज ८०० से १२०० रूपये, साधा पिस्ता ८०० रूपये, नमकीन पिस्ता ९०० रूपये प्रति किलो, चरमालू ४०० से ६०० रूपये, काला मनूका २८० से ३८० रूपये प्रति किलो की दर पर बिक रहे है. ज्ञात रहे कि, दशहरा व दीपावली जैसे पर्वों के समय गिफ्ट पैक मे सूखे मेवों की बिक्री काफी अधिक बढ जाती है. साथ ही ड्रायफु्रट से बनी मिठाईयों की भी जबर्दस्त मांग होती है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से हालात पूरी तरह से अनिश्चित है और भविष्य को लेकर फिलहाल कुछ भी तय नहीं है. ऐसे में पर्वों व त्यौहारोें के मद्देनजर ड्रायफु्रट व्यापारियों द्वारा नया स्टॉक भी नहीं मंगाया जा रहा.

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