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रेमडेसिविर की मांग 75 फीसदी घटी

जिले में एक महिने का स्टॉक उपलब्ध

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४ – जिले में इस समय कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गयी है. साथ ही गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों की संख्या भी घट गयी है. जिसके चलते ऐसे मरीजों हेतु आवश्यक रहनेवाले रेमडेसिविर नामक इंजेक्शन की मांग में भी करीब 75 फीसदी की कमी देखी जा रही है. हालांकि इस समय जिला सामान्य अस्पताल व जिला स्वास्थ्य विभाग के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन के 1700 वॉयल उपलब्ध है. साथ ही कोरोना संंक्रमित मरीजों के लिए आवश्यक दवाईयों का भी पर्याप्त स्टॉक है.
उल्लेखनीय है कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोई खास फायदेमंद नहीं बताया गया है, लेकिन राज्य में इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं रहने के चलते जिले में गंभीर स्थितिवाले कोरोना संक्रमित मरीजोें पर इस इंजेक्शन का धडल्ले से प्रयोग किया गया. अगस्त, सितंबर व अक्तूबर माह में कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक होने के बाद इस इंजेक्शन की मांग बेतहाशा बढ गयी और एक समय ऐसा भी आया जब इस इंजेक्शन की किल्लत भी देखी जा रही थी. लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग को सरकार की ओर से लगातार दवाईयोें की आपूर्ति की जा रही थी. ऐसे में अमरावती जिले में दवाईयोें का स्टॉक कम अथवा खत्म नहीं हुआ. साथ ही इस इंजेक्शन का प्रयोग प्रोटोकॉल के अनुसार किये जाने के चलते इस इंजेक्शन की सरकारी कोविड अस्पताल में किल्लत महसूस नहीं हुई. किंतु निजी क्षेत्र में इस इंजेक्शन की किल्लत जरूर थी और बडे पैमाने पर इस इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए इसे बेहद उंची दरों पर बेचा गया. पश्चात इस इंजेक्शन के प्रयोग और बिक्री का रिकॉर्ड रखना जरूरी किये जाने के बाद इस कालाबाजारी पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया. जिसमें अन्न व औषधी प्रशासन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही.

  • अब भी रोजाना 30 इंजेक्शन की जरूरत

जानकारी के मुताबिक इस समय यद्यपि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घट गयी है. किंतु बावजूद इसके रोजाना करीब 30 रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग कोविड अस्पतालोें में किया जा रहा है. जहां पर कुछ संक्रमित मरीजों की स्थिति गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर व ऑक्सिजन बेड पर रखा गया है. बता दें कि, जिले में इस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन के 1700 वॉयल उपलब्ध है. इसके अलावा अन्य जरूरी दवाईयों का भी भरपुर स्टॉक उपलब्ध रहने की जानकारी जिला शल्य चिकित्सक द्वारा दी गई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के निरीक्षण के बाद राज्य सहित जिले में इस इंजेक्शन का प्रयोग शुरू है. कोरोना की संक्रामक बीमारी पर फिलहाल कोई कारगर दवाई उपलब्ध नहीं है. ऐसे में रेमडेसिविर नामक इंजेक्शन से कुछ प्रमाण में फायदा होने की बात को ध्यान में रखते हुए जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों द्वारा गंभीर स्थितिवाले मरीजोें की जान बचाने के लिए इस इंजेक्शन का प्रयोग किया जा रहा है. इस समय संक्रमित मरीजों व गंभीर स्थितिवाले मरीजों की संख्या घट जाने की वजह से रेमडेसिविर की मांग में काफी हद तक कमी आयी है.

जिले में इस समय कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है और संक्रमित मरीजों की संख्या घट गयी है. जिसकी वजह से रेमडेसिविर की जरूरत भी घट गयी है. लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के पास इस समय 1700 इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध है. साथ ही रैपीड एंटीजन की 4 हजार कीट भी उपलब्ध है. इसके अलावा कोरोना संक्रमितों के इलाज हेतु अन्य तमाम जरूरी दवाईयों का भी भरपुर स्टॉक उपलब्ध है. जिससे एक महिने की जरूरतें पूरी हो सकती है. अत: किसी को भी चिंता करने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक

  • 4 हजार रैपीड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध

जिले में फिलहाल तहसील एवं जिला अस्पताल के साथ ही मनपा के दो केंद्रों पर थ्रोट स्वैब सैम्पलों का संकलन करते हुए रैपीड एंटीजन टेस्ट की जा रही है. जिसके लिए जिले में इस समय 4 हजार एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध है. साथ ही जिस रफ्तार से टेस्ट किट को प्रयोग में लाया जा रहा है, उसी रफ्तार से टेस्ट किट की खेप सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि ऐन समय पर टेस्ट किट की किल्लत न हो.

– 19,142 कोरोना के कुल संक्रमित
– 18,327 कोविड मुक्त मरीज
– 422 एक्टिव पॉजीटिव मरीज

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