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चिखलदरा में जंगल सफारी शुरू करने की जिप्सी चालको की मांग

भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के पत्र ने बढाई समस्या

चिखलदरा/दि.10 – जिला अनलॉक होने के साथ चिखलदरा मेेें अब सैलानियों की संख्या बढने लगी है. जिस कारण यहां बंद पड़े उद्योगों को एक बार फिर गति मिल रही है. वहीं रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. मगर पिछले 3 महिने से बंद पड़ी जंगल सफारी अभी तक शुरू नहीं हो पायी है. जिस कारण 50 जिप्सी यहां खडी है तथा उसके ऊपर पेट भरनेवाले 100 परिवार आज भी बेरोजगारी का संकट झेल रहे है.
मानसून में शुरू रहनेवाला मेलघाट का वीरान जंगल सफारी एकमात्र सफारी है, जो बारिश मेें भी शुरू रहती है. यहां बारिश में जंगल सफारी का बड़ा आनंद सैलानी बड़े पैमाने पर लेते है. मगर जंगल सफारी शुरू करने की संभावना पर भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली के 7 जून 2021 के पत्र ने प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. जिसमें सभी राज्य सरकार टायगर रेंज के मुख्य वन्यजीव वार्डन (ओ) को पत्र भेजकर टायगर रिजर्व के अगले आदेश तक सभी पर्यटन गतिविधियां बंद करने के संबंध में आदेश जारी किए गये है. इस बाबत आधार के बारे में बताते हुए कहा गया है वंडालुर चिड़िया घर चैन्नई में कोविड 19 संक्रमण तथा अन्य कारण से एक शेरनी की मृत्यु होेने का संदेह है तथा इसका प्रभाव बढ सकता है तथा कोविड 19 जंगली जानवरों में बढ सकता है. इसलिए जंगल सफारी की संभावना ध्ाूमिल होती दिखाई दे रही है तथा जिप्सी चालक मालक जहां चिंता में है. वहीं सैलानी इससे वंचित है.

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