लॉकडाउन के बावजूद समूचे जिले में खुला है व्यापार
दिखावटी साबित हो रहे प्रतिबंधात्मक नियम
अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 – इस समय भले ही राज्य सरकार द्वारा एक माह के दौरान दो बार लॉकडाउन लागू करने का आदेश जारी किया गया है और कई प्रतिबंधात्मक निर्देश भी लागू किये गये है. किंतु फिलहाल इन आदेशों व निर्देशों का अमरावती शहर सहित जिले में कहीं पर भी कडाई के साथ पालन होता दिखाई नहीं दे रहा. ऐसे में नागरिकों और व्यवसाईयों की हठधर्मिता के सामने प्रशासन भी काफी हद तक हतबल नजर आ रहा है.
बता दें कि, राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन का आदेश जारी करते हुए जीवनावश्यक वस्तुओं व सेवाओें को छोडकर अन्य सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों व आस्थापनाओं को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. किंतु विगत एक वर्ष से करीब दस बार लॉकडाउन और पांच बार प्रतिबंधात्मक आदेशों का पालन करते-करते अमरावती शहर सहित जिले के व्यवसायी अब हैरान-परेशान होने के साथ ही बेजार भी हो चले है. साथ ही अब किसी भी तरह के लॉकडाउन को मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में अमरावती जिले में लॉकडाउन काफी हद तक दिखावटी ही साबित हो रहा है और जीवनावश्यक वस्तुओें की दुकानों के अलावा भी अन्य कई तरह के व्यापारिक प्रतिष्ठान व आस्थापना थोडे बहुत प्रमाण में खुले हुए है और अपना-अपना काम कर रहे है. यहीं वजह है कि, इन दिनों शहर की सडकों पर पूरा दिन भारी भरकम भीड दिखाई देती है और प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में हजारों वाहन पार्क दिखाई देते है.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज नांदगांव पेठ थाना पुलिस ने नागपुर हाईवे स्थित बिजीलैण्ड व्यापारी संकुल में कुछ दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की. साथ ही यहां पर खरीददारी हेतु आनेवाले लोगोें के फोटो खींचकर उनके वाहन नंबर भी दर्ज किये. जिस पर नाराजगी जताते हुए बिजीलैण्ड व्यापारी सामाजिक संगठन के अध्यक्ष विजय भूतडा ने साफ शब्दों में कहा था कि, इस समय केवल बिजीलैण्ड ही नहीं, बल्कि अमरावती शहर के कई इलाकों सहित जिले की कई तहसीलों में अधिकांश दुकाने खुली हुई है और खुद नांदगांव पेठ पुलिस स्टेशन के पास ही रहनेवाले नांदगांव पेठ गांव में भी लगभग सारी दुकाने खुली है. किंतु पुलिस द्वारा केवल बिजीलैण्ड व सिटीलैण्ड के रिटेलर व्यवसायियों को कार्रवाई का निशाना बनाया जा रहा है.
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बिना नये कपडों के हो जायेगी क्या शादी ?
गत रोज विजय भुतडा ने एक बेहद शानदार मसले का उल्लेख किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, एक ओर तो सरकार ने विवाह समारोह आयोजीत करने को छूट दे रखी है. वहीं दूसरी ओर कपडे की दुकानों को बंद करने कहा गया है. ऐसे में जिनके यहां शादी है, क्या वे खुद पुराने कपडे पहनकर और दुल्हा-दूल्हन को भी पुराने कपडे पहनाकर विवाह समारोह आयोजीत करेंगे? ऐसे में कई लोग शादी के लिहाज से दुल्हा-दुल्हन के लिए लग्न बस्ता खरीदना चाहते है और अपने परिचित दुकानदारों से संपर्क करते है. जिसके बाद कई रिटेल दुकानदार अपने परिचित ग्राहकों को दुकान का मुख्य शटर बंद रखते हुए लग्नबस्ता दिखाते है. इसमें गलत कुछ भी नहीं है. क्योंकि इस समय यह लोगों की जरूरत है.
वहीं दूसरी ओर शहर सहित जिले में कपडे सहित अन्य कई वस्तुओं की दुकाने व प्रतिष्ठान भी चोरी-छिपे ढंग से खुले हुए है. कहीं पर आधा शटर खुला रखते हुए काम किया जा रहा है, तो कहीं मुख्य शटर बंद रखकर पीछे के दरवाजे से ग्राहकों को दुकान के भीतर प्रवेश देते हुए व्यापार-व्यवसाय किया जा रहा है. इसके अलावा कुछ इलाके तो ऐसे भी है, जहां पर सारी लगभग सारी दुकाने बेधडक व बेखौफ शुरू है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अमरावती शहर में लॉकडाउन अब केवल दिखावे के लिए ही है.
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जनसहभागिता है जरूरी
यहां यह कहना अतिशयोक्ती नहीं होगा कि, विगत वर्ष केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन में स्वयंस्फूर्त रूप से जनसहभाग प्राप्त हुआ था. जिसकी वजह से वह लॉकडाउन काफी हद तक सफल रहा. इसी तरह विगत फरवरी माह के दौरान अमरावती जिला प्रशासन द्वारा लागू किये गये लॉकडाउन का भले ही आंशिक तौर पर विरोध हुआ था, किंतु इसे भी अमरावती की जनता द्वारा व्यापक स्तर पर प्रतिसाद मिला था. लेकिन राज्य सरकार द्वारा 5 अप्रैल से घोषित किये गये लॉकडाउन तथा 14 अप्रैल की शाम से लागू किये जानेवाले नये लॉकडाउन का अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य में तीव्र विरोध हो रहा है और इसमें जनसहभागिता का सर्वथा अभाव है, जिसकी वजह से लॉकडाउन लागू रहने के बावजूद कहीं पर भी लॉकडाउन जैसा कोई माहौल दिखाई नहीं दे रहा.