* तरक्की का है विजन
* अमरावती मंडल से विशेष बातचीत-2
अमरावती/दि.20- लोकसभा क्षेत्र से उबाठा शिवसेना के उम्मीदवार बनने की चाह रखनेवाले और अमरावती में तेजी से जनसंपर्क कर रहे शिक्षाविद जगन्नाथ अभ्यंकर ने जिले के विकास को लेकर विजन रहने का दावा किया. वे गुरुवार को अमरावती मंडल से विशेष रुप से मुखातिब हुए. इस चर्चा दौरान शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे विराजमान थे. बता दें कि अभ्यंकर का अल्प परिचय अमरावती मंडल अपने गुरुवार और शुक्रवार के अंकों में प्रकाशित कर चुका है. अभ्यंकर शिक्षा उपसंचालक से लेकर मंत्रालय में सहसचिव के रुप में कार्य कर चुके हैं. बालासाहब ठाकरे के दौर से शिवसेना में पर्दे के पीछे अनेक महत्वपूर्ण उपक्रमों जैसे शिवगर्जना, मशाल रैली, आंदोलनों और चुनाव अभियान को अंजाम देने वाले अभ्यंकर अमरावती के अंजनगांव के विहीगांव निवासी है. वे सेना के अनेक बडे नेताओं प्रमोद नवलकर, सुधीर जोशी, मनोहर जोशी, गजानन कीर्तिकर, छगन भुजबल, श्रीकांत देशपांडे, इवन राज ठाकरे के करीबी रहे हैं. शिवसेना की 80 प्रतिशत समाजसेवा और 20 प्रतिशत राजकारण की शैली से भी पूर्व मंत्रालय सहसचिव अभ्यंकर बडे प्रभावित व प्रशंसक हैं. उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश का दूसरा भाग-
* अमरावती विकास की डगर पर है, फिर आप किस विकास और विजन की बात कर रहे हैं?
अभ्यंकर- विकास कहां दिखाई दे रहा है. केवल सडक और बिजली, पानी विकास नहीं कहलाता. पानी की बात करें तो अमरावती पर प्रकृति की मेहरबानी है. पेयजल भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. किंतु बरसों बीत गए, यहां कोई बडा उद्योग नहीं आया. केवल लफ्फाजी अधिक हो रही है.
* तीन एमआईडीसी विकसित है, उद्योग आ रहे हैं, पीएम मित्र में भी अमरावती का समावेश है. आप कैसे कह सकते हैं कि, विकास नहीं हो रहा?
अभ्यंकर- माना कि अमरावती में विकासशील औद्योगिक क्षेत्र है. मगर अभी तक बडे उद्यम क्यों नहीं आए इस पर विचार आवश्यक है. यहां 20 साल पहले नांदगांव पेठ विस्तारित उद्योग क्षेत्र स्थापित किया गया. वहां का हाल यह है कि रेमंड जैसे घराने ने छोटा यूनिट लगा रखा है. जबकि हकीकत यही है कि विमानतल एक्टिव नहीं होने से बडे उद्योग आने से कतराते हैं. उद्योग आएंगे तो रोजगार बढेंगे. आज युवाओं को रोजगार की अधिक आवश्यकता है. इसलिए विमानतल को एक्टिव करना आवश्यक है. जितनी जल्दी हमारा बेलोरा हवाई अड्डा बनकर तैयार होगा और वहां से नियमित उडाने होगी, उतनी शीघ्रता से औद्योगिक बडे घराने अमरावती आएंगे. अपने प्रकल्प लगाएंगे. स्थानियों को रोजगार उपलब्ध होगा. तभी हम विकास संबंधी ठोस दावा कर सकेंगे. अभी तो हमारी अचलपुर की फिनले मिल बंद पडी है. मेरी वरिर्यता फिनले मिल को शुरु करना निश्चित ही रहेगी. कपास और संतरे पर आधारित बडे प्रकल्प निश्चित ही यहां आ सकते हैं. हम उसके लिए प्रयत्न करेंगे.
हमारे मौजूदा जनप्रतिनिधि इतने निष्क्रिय है कि, राष्ट्रपति व्दारा दी गई सौगात को हम साकार नहीं कर सके. मिसाइल कारखाना यहां घोषित होने, उसका शिलान्यास होने के बाद भी साकार नहीं हो पाया, यह कितनी बडी असफलता है? इसका किसी को एहसास है क्या?
* रेल मार्ग तेजी से विकसित हो रहा है, आपका क्या कहना हैं?
अभ्यंकर- रेल मार्ग का विकास भी भूतपूर्व राष्ट्रपति की देन है. उनकी बदौलत अमरावती स्टेशन मॉडल बन सका और अनेक नगरों के लिए यहां से सीधी रेल सेवा प्राप्त हो सकी. अभी भी रेल क्षेत्र में काफी कुछ करना शेष है. यहां से नियमित पुणे-दिल्ली ट्रेन की आवश्यकता है. उसी प्रकार हमारे अपने क्षेत्र के लोगों के लिए शकुंतला रेल मार्ग का ब्रॉडगेज में परिवर्तन जरुरी है. उसके लिए निश्चित ही हम भगीरथ प्रयास करेंगे.
* विकास के कई प्रकल्प पाइपलाइन में है. मेडिकल कॉलेज शुरु होने जा रहा है. हनुमान अखाडे को अभिमत विद्यापीठ का दर्जा मिला है. चिखलदारा का विकास हो रहा है. स्कायवॉक बन रहा है. फिर कैसे कह सकते हैं कि, विकास दिखाई नहीं दे रहा?
अभ्यंकर- इनमें से अधिकांश अभी केवल घोषणा के स्तर पर है. असल में कार्य आरंभ नहीं हुआ है. ऐसे ही जब आप स्कायवॉक की बात कर रहे तो, उसका काम 4 साल से अटका पडा है. मुझे तो हैरानी होती है कि, प्रत्यक्ष निर्माण आरंभ होने के बाद ऐसा बडा प्रकल्प अधबीच में कैसे रोके जाता है? हमारे जनप्रतिनिधि उसे समय रहते काम भी शुरु नहीं करवा सके. चिखलदारा का स्कायवॉक निश्चित ही जरुरी है. इससे विदर्भ के नंदनवन में पर्यटकों का आना-जाना बढेगा. फलस्वरुप विकास होगा.
* अमरावती के शिवसैनिकों में जोश कम नजर आ रहा है?
अभ्यंकर- बिल्कुल नहीं. उन्हें तो उनके अमरावती शिवसेना में प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज नजर आया हैं. प्रत्येक से गर्मजोशी से मुलाकात हुई है. कार्यकर्ता तो इस कदर उत्साहित है कि, वे बस चुनाव का इंतजार कर रहे हैं. फिर पार्टी के लिए अपने आप को झौंक देने तैयार है. पक्ष का आदेश हुआ तो, वे भी अमरावती से चुनाव लडने तैयार हैं. विकास की नई इबारत यहां लिखने तत्पर हैं. (भाग-2-संपूर्ण)