चिखलदरा के शिवसागर पॉईंट का विकासकार्य बंद
40 फीसदी काम अधूरा छोडकर भागा ठेकेदार
चिखलदरा/प्रतिनिधि दि.12 – चिखलदरा में चल रहे अवैध कार्यालय सिडकों बनाने का मामला सामने आया है. लेकिन अब नई बात सामने उघडकर आयी है. जिसमें पता चला है कि, सिडकों के चिखलदरा कार्यालय के पास न तो कोई अधिकार है. वहीं अधिकारी यहा कार्यालय में आते है और चुपचाप निकल जाते है. जिसके चलते विकासकार्य राम भरोसे चल रहे है. इसके ताजा उदाहरण शिवसागर पॉईंट के प्रभावित विकासकार्यों को देखकर लगाया जा सकता है.
यहा बता दें कि, 1 करोड 23 लाख की निधि से शिवसागर पॉईंट का विकासकार्य की निविदा मंजूर की गई. जिसमें से 23 लाख रुपए ठेकेदार को दिये जा चुके है. वहीं स्वयं कार्यालय की ओर से यह स्पष्ट बताया गया है कि, शिवसागर पॉईंट का 40 फीसदी काम अभी भी पूरा होना बचा हुआ है. वहीं ठेकेदार अतिरिक्त पैसों की डिमांड कर रहा है. पैसें नहीं मिलने के चलते वह काम बंद कर चला गया है. बीते 2 महिने से काम बंद है. लेकिन अधिकारी कुछ भी नहीं कर रहे है. विकासकार्यों का स्तर काफी घटीया है. लेकिन कोई भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. जिसे देखते हुए नगर परिषद ने खूद प्रासपेक्ट पॉईंट तथा राणी पार्क अपने कब्जे में लेने से साफ इंकार कर दिया था. प्रासपेक्ट का खर्चा 17 लाख, राणी पार्क का खर्चा 27.31 लाख, गोराघाट पॉईंट का खर्चा 51.51 लाख, ब्लेन्सिंग स्टोल पॉईंट का खर्चा 58.75 लाख, न्यू देवी पॉईंट का खर्चा 38.67 लाख, मालवीय पॉईंट का 18.56 लाख का कार्य है. जिसमें से अधिकांश कार्य पूरे हो गये है. वहीं एक ही ठेकेदार ने यह कार्य पूरे किये है. लेकिन इन पॉईंट के हालातों को देखकर यह पता नहीं लगाया जा सकता कि, सहीं मायनों में इनक विकासकार्य हुआ है या नहीं. जबकि 80 फीसदी वेतन ठेकेदार का कर दिया गया है.इस काम की थर्ड पॉर्टी ऑडीट होना अब आवश्यक है. शिवसागर पॉईंट की स्थिति को देखकर कोई कहेगी कि, काम काफी घटीया किस्म का किया गया है. लेकिन इस संबंध में कोई कुछ बोल नहीं रहा है.