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कल से सांसद सहित सभी विधायकों के घरों पर ढोल-ताशा आंदोलन

  • पत्रवार्ता में मराठा क्रांति ठोक मोर्चा ने दी जानकारी

  • कहा – महाविकास आघाडी सरकार पर मराठा समाज का भरोसा नहीं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२३ – कल तक जो लोग मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में थे, आज वहीं लोग सत्ता में आते ही मराठा आरक्षण के लगभग खिलाफ हो गये है. ऐसे लोगोें ने यह नहीं भूलना चाहिए कि, मराठा समाज किसी एक राजनीतिक दल या संगठन की बपौती नहीं है और आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समाज के हजारों-लाखों लोग स्वयंस्फूर्त तौर पर कल भी सडक पर उतरे थे और आज भी सडक पर उतर सकते है. इस आशय के प्रतिपादन के साथ ही मराठा क्रांति ठोक मोर्चा द्वारा स्पष्ट किया गया कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार पर मराठा समाज का बिल्कूल भी भरोसा नहीं है. स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में बुलायी गयी एक पत्रकार परिषद में उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही कहा गया कि, राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज के विद्यार्थियों व युवाओं को राहत देने हेतु गत रोज मंत्रिमंडल में कुछ फैसले लिये गये है. किंतु जब तक इन फैसलों पर हकीकत में अमल नहीं होता, तब तक मराठा समाज बांधव इस सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते, क्योँकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण को टिकाये रखने हेतु कोई विशेष प्रयास नहीं किये है. ऐसे में मराठा समाज की मांगोें को पूरी प्रखरता के साथ सरकार के समक्ष रखने हेतु मराठा क्रांति ठोक मोर्चा द्वारा गुरूवार २४ अगस्त से जिले के सभी जनप्रतिनिधियोें के घरों के सामने ढोल-ताशे बजाकर उनकी निष्क्रीय भूमिका का निषेध किया जायेगा. साथ ही मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये निर्णय की प्रतिलिपी का दहन किया जायेगा.
इस पत्रवार्ता में मांग की गई कि, मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगनादेश दिये जाने के चलते सरकार इस संदर्भ में नया अध्यादेश जारी करे, जब तक मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक पुलिस भरती की प्रक्रिया को रद्द रखा जाये, कोपर्डी मामले के नराधमों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाये, स्वामीनाथन आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों को तत्काल मान्य किया जाये. कृषि उपज को गारंटी मूल्य दिया जाये और मराठा समाज के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाये. इस पत्रकार परिषद में मराठा क्रांति ठोक मोर्चा के संयोजक अंबादास काचोले, डॉ. रोशन अर्डक, विजय पवार, निलेश पवार व सोनल देशमुख आदि उपस्थित थे. इन सभी पदाधिकारियों ने पत्रकार परिषद के तुरंत बाद पत्रकार भवन के समक्ष ही राज्य मंत्रिमंडल के निर्णयों की प्रतिलिपी का दहन किया.

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