* 5 उद्योगपति भी फंसे
* सब्सिडी के नाम पर ऐंठी राशि
यवतमाल/दि.10- सरकार द्वारा विविध योजनाओं में उद्योग बढ़ाने आर्थिक मदद दी जाती है. एमएसएमई के तहत सब्सिडी भी दी जाती है. इसी सब्सिडी का जाली दस्तावेजों के आधार पर अपहार कर जिला उद्योग केंद्र के क्लर्क अजय देवीदास राठोड ने लगभग 4.38 करोड़ का फ्रॉड करने की शिकायत थाने में दी गई है. राठोड सहित जिले के पांच उद्यमियों पर भी मामले दर्ज किए गए हैं. लोहारा पुलिस आगे जांच कर रही है.
जानकारी के अनुसार डीआयसी के महाप्रबंधक निवेश निकम के पास अकोला का भी प्रभार है. जिससे उन्होंने यवतमाल में कार्यालय का कामकाज अजय राठोड के भरोसे छोड़ रखा था. अजय ने वर्ष 2018 से एमएसएमई अंतर्गत प्रोत्साहन अनुदान जाली दस्तावेजों के आधार पर परस्पर हड़पना शुरु कर दिया था. पहले उसकी कारगुजारी किसी के ध्यान में नहीं आयी. किंतु अनुदान वितरण में एसओपी का क्रियान्वयन उसने नहीं किया.
महाप्रबंधक द्वारा सामूहिक प्रोत्साहन योजना अंतर्गत सूक्ष्म और लघु उद्योगों की दी जाती सहायता के केसेस की प्रत्यक्ष जांच प्रत्येक माह होती है. उसी प्रकार सॉफ्ट कॉपी विभागीय कार्यालय भेजी जाती है. सभी जिलों की सूची एकत्र कर अनुदान हेतु मुंबई स्थित उद्योग संचालनालय भेजना होता है. यवतमाल से भेजी गई सूची की जांच महाप्रबंधक निकम ने की. अमरावती विभाग कार्यालय से भेजी गई सूची और यवतमाल की लिस्ट में बड़ा फर्क नजर आया. जिससे अजय राठोड की जांच शुरु की गई. उसमें कारगुजारी उजागर हो गई. वह झूठे दस्तखत और दस्तावेज के बूते सरकारी राशि का अपहार कर रहा था. उसने पूछताछ में घपले की बात कबूल कर ली. पुलिस ने 6 लोगों पर दफा 409, 420, 468, 464, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है.