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दिग्रस नगर परिषद में 5 करोड का घोटाला

  •  शिवसेना पार्षद की जिलाधिकारी से शिकायत

  •  दारव्हा मुख्याधिकारी को दिये जांच के आदेश

यवतमाल/प्रतिनिधि दि.14 – दिग्रस नगर परिषद के विकास कामों में तकरीबन 5 करोड रुपए का घोटाला होने की शिकायत शिवसेना के नगर सेवक कैलाश जाधव ने जिलाधिकारी से की है. अभियंता, ठेकेदार, मुख्याधिकारी समेत 11 लोगों के खिलाफ यह शिकायत है. जिलाधिकारी अमोल येडगे ने इस शिकायत की दखल लेते हुए इस समूचे मामले की जांच 29 अप्रैल को दारव्हा नगर परिषद के मुख्याधिकारी धिरज गोहाड को सौंपी.
22 जनवरी को जिलाधिकारी के पास दाखल शिकायत में गैरअर्जदार के रुप में दिग्रस नगर परिषद के मुख्याधिकारी, दिग्रस के सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के उपअभियंता, कान्होबा कन्स्ट्रक्शन के संचालक, दिग्रस नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता, दिग्रस स्थित सार्वजनिक बांधकाम के कनिष्ठ अभियंता आदि को गैर अर्जदार के रुप में दिखाया गया है. सरकार की निधि का गैर उपयोग, काम पर देखरेख न रखना, भ्रष्टाचार को बढावा व सहभाग आदि आरोप शिकायत में रखे गए है. 16 अगस्त 2017 को दिग्रस शहर में हरित पट्टा तैयार करने के लिए 2 हजार पेड लगाने का निर्णय नगर परिषद के सर्वसाधारण सभा में लिया गया. 15 अक्तूबर 2018 को पेड लगाकर आगामी सालभर उसकी देखभाल करने का ठेका दिया गया. किंतु ठेकेदार ने मात्र 100-200 पेड लगाकर 53 लाख रुपए का बिल उठाने की बात शिकायत में कही है. काम अपूर्ण रहते समय मुख्याधिकारी, ठेकेदार व कनिष्ठ अभियंता की मिलीभगत से वह देयक निकाला गया, ऐसा कहा है. 2018 में सर्वसाधारण सभा ने धुर्वे नगर से गौरक्षण तक जॉगिंग ट्रैक, इंटरलिंकिंग, बेंचेस, 270 वृक्ष के लिए 2 करोड 24 लाख 4 हजार की निधि की व्यवस्था की. कान्होबा कन्स्ट्रक्शन को यह काम दिया गया. किंतु प्रत्यक्ष काम न होते हुए भी केवल कागजातों पर दिखाकर 2 करोड 24 लाख 4 हजार रुपए उठाकर गंभीर अपराध किया, ऐसा कहा है. विशेष यह कि जॉगिंग ट्रैक अस्तित्व में ही न रहते हुए 12 जुलाई 2019 को उसे कागजातों पर हस्तांतरण दिखाकर श्रीक्षेत्र घंटी बाबा जॉगिंग ट्रैक ऐसा नामकरण भी किया गया, ऐसा नगर सेवक कैलाश जाधव ने जिलाधिकारी के पास दर्ज शिकायत में कहा है.

  • जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट मांगी

दिग्रस नगर परिषद का भ्रष्टाचार, अनियमितता, घोटाला व आर्थिक अनियमितता की विस्तृत जांच कर संबंधित आरोपियों पर कार्रवाई करने, दिग्रस नगर परिषद बर्खास्त करने, इस तरह की मांग नगरसेवक केैलाश जाधव ने जिलाधिकारी से प्रतिज्ञा लेख व्दारा दाखल किये निवेदन से की है. इस शिकायत की दखल लेकर दारव्हा मुख्याधिकारी से इस समूचे मामले की मुद्दे निहाय जांच सौंपी गई है. इस जांच की स्वयं स्पष्ट रिपोर्ट तत्काल पेश करने के आदेश भी जिलाधिकारी अमोल येडगे ने 29 अप्रैल को दिये है.

  • ठेका 2 हजार वृक्षो का, लगाए केवल 200

23 मार्च 2017 को नगर परिषद ने प्रस्ताव लेकर शहर के विविध क्षेत्र में बगीचे करने का निर्णय लिया है. उसके अनुसार महेश नगर उद्यान के लिए 44 लाख 19 हजार, विष्णु कमल नगर 37 लाख 6 हजार, केशव नगर 48 लाख 55 हजार, गिरीराज पार्क 44 लाख 18 हजार, साईकृपा नगर 41 लाख 39 हजार, बापु नगर 49 लाख 92 हजार तथा आकाश नगर स्थित उद्यान के लिए 10 लाख 67 हजार की निधि की व्यवस्था कर काम के आदेश जारी किये गए थे. 6 महिने में यह काम पूर्ण करना बंधनकारक था. किंतु उसमें भारी अनियमितता हुई. प्रत्यक्ष काम न करते हुए परभारे निधि उठाया गया. दिग्रस नगर परिषद में इस माध्यम से मिलीभगत कर तकरीबन 5 करोड रुपए के निधि का घोटाला किये जाने की बात शिकायत में कही है.

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