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गंदगी व कचरे से अटे पडे है छत्री और वडाली तालाब

 झमाझम बारिश के बावजूद जलस्तर में कोई खास इजाफा नहीं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – विगत एक सप्ताह के दौरान अमरावती शहर में चहुंओर झमाझम बारिश हुई. किंतु इसका शहर के छत्री एवं वडाली तालाब पर कोई विशेष असर नहीं पडा, क्योंकि ये दोनों ही तालाब गंदगी और कचरे से अटे पडे है. ऐसे में बारिश की वजह से थोडी-बहुत जलस्तर में वृध्दि होने के बावजूद यहां पर प्रचूर जलराशि का कोई विहंगम नजारा दिखाई नहीं दे रहा है. इसके अलावा यह भी पता चला है कि, इन दोनों तालाबों के जलस्तर में कितनी वृध्दि हुई है, इसे मापने का कोई मापयंत्र प्रशासन के पास नहीं है. ऐसे में इसे लेकर स्पष्ट तौर पर कोई जानकारी भी प्राप्त नहीं हुई है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, प्रतिवर्ष बारिश के मौसम से पहले मान्सूनपूर्व कामों के तहत प्रशासन द्वारा इन दोनों तालाबों की साफ-सफाई करने और तालाब से कचरे व किचड को निकालने का दावा किया जाता है. किंतु इस वर्ष बारिश का सीझन शुरू हुए करीब डेढ माह से अधिक समय बीत चुका है तथा अब कही जाकर बारिश का सीझन सही ढंग से सक्रिय हुआ है. किंतु बावजूद इसके दोनों तालाबों में बडे पैमाने पर गंदगी व कचरा भरा दिखाई दे रहा है. जिसके चलते तालाब के पानी से भयंकर दुर्गंध भी उठ रही है.

  • सौंदर्यीकरण व विकास की ‘ऐसी की तैसी’

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, स्थानीय छत्री तालाब में 100 करोड रूपयों की लागत से सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है, ताकि यहां पर एक बेहतरीन पर्यटन स्थल को विकसित किया जा सके. इसके तहत सरकार द्वारा करीब साढे 12 करोड रूपयों की निधी भी आवंटित की गई है. जिनके जरीये छत्री तालाब पर फुड कोर्ट, स्वच्छता गृह, वॉकिंग ट्रैक, पानी के फव्वारे, कंपाउंड हॉल, ओपन जिम, छोटे बच्चों के खेलने हेतु खिलौने व झुले तथा आकर्षक प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाना है. जिसमें से करीब 64 प्रतिशत काम ही पूर्ण हो चुका है, लेकिन छत्री तालाब पर लगाये गये नये झुलों का प्रयोग इस परिसर में डेरा जमाये बैठे घुमंतु समूदाय के लोगों द्वारा अपने कपडे सूखाने के लिए किया जाता है. साथ ही यहां पर बनाये गये घाट पर इन लोगों द्वारा अपने कपडे धोये जाते है. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, छत्री तालाब परिसर में किये जा रहे सौंदर्यीकरण व विकास की एक तरह से जमकर ऐसी-तैसी हो रही है.

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