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बैंक दिखा रहे किसानों के प्रति अनास्था

रबी का आधा सीझन बीत जाने के बावजूद केवल 34 प्रतिशत किसानों को मिला कर्ज

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – राज्य सरकार के मंत्रियों तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सख्त व कडे दिशानिर्देश दिये जाने के बावजूद भी किसानों को कर्ज वितरण करने के काम में बैंकों ने अपनी अडियल नीति को कायम रखा है. इस बार रबी सीझन का करीब आधा वक्त बीत चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक केवल 34 फीसदी कर्ज वितरण का ही काम हो पाया है. ऐसे में कर्ज वितरण का कुल लक्षांक पूर्ण करने हेतु और कितना वक्त लगेगा, यह अभी तय नहीं है, जिसकी वजह से किसान लगातार बैंकों में चक्कर पर चक्कर काट रहे है.
ज्ञात रहे कि, इस बार खरीफ सीझन में अपेक्षित उत्पादन नहीं होने की वजह से कई किसानों ने अपनी खरीफ फसलों को उजाडकर अपने खेतों में रबी फसलों की तैयारी शुरू की और रबी सीझन के लिए बैंकों के पास कर्ज की मांग का प्रस्ताव पेश किया. जिला प्रशासन ने रबी सीझन के लिए 430 करोड रूपये के वितरण का लक्ष्य रखा है. जिसमें से नवंबर माह के अंत तक 15 हजार 471 किसानों को 141 करोड 50 लाख रूपये का कर्ज वितरित किया गया है. इसमें भी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का योगदान शून्य है. वहीं राष्ट्रीयकृत, ग्रामीण व कार्पोरेट क्षेत्र के बैंकों द्वारा किये गये कर्ज वितरण का हिस्सा 34 फीसदी है. राष्ट्रीयकृत व निजी क्षेत्र की बैंकों ने 294 करोड रूपयों के कर्ज वितरण का लक्ष्य तय किया था. जिसमें से 15 हजार 400 किसानों को 146 करोड 27 लाख रूपये वितरित किये गये. यह कुल लक्ष्य की तुलना में करीब 50 फीसदी है. वहीं ग्रामीण बैंकों द्वारा 123 करोड रूपये का कर्ज वितरण किया गया.
बता दें कि, इस बार खरीफ फसलों की बुआई के सीझन में कर्ज वितरण का प्रमाण मात्र 62 फीसदी रहा और कर्ज वितरण की प्रक्रिया आधा सीझन बीत जाते ते चलती रही. लगभग इसी गति से रबी सीझन में भी बैंकों द्वारा काम किया जा रहा है.
कर्जमुक्ति के बाद किसानों को नया कर्ज मिलने की सुविधा उपलब्ध रहने के बावजूद बैंकों द्वारा रबी सीझन के दौरान किसानोें को लेकर अडियल नीति कायम रहने के चलते कई किसानों ने निजी साहूकारों के पास सहायता के लिए जाना पसंद किया है. क्योंकि इस बार रबी सीझन से किसानों को काफी उम्मीदे है. ज्ञात रहे कि, इस बार खरीफ सीझन के समय अतिवृष्टि तथा विविध कीडों के आक्रमण की वजह से फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ और पैदावार घट गयी.
साथ ही हाथ आयी फसल की प्रतवारी कम रहने की वजह से किसानों को फसल के दाम कम मिले. वहीं अब रबी सीझन की तैयारी करनेवाले किसानोें के हौसले को बैंकों द्वारा तोडा जा रहा है.

  • जिला बैंक से नहीं हुआ किसानों को कर्ज वितरण

खरीफ सीझन में किसानों को कर्ज वितरण करनेवाली जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक ने रबी सीझन में किसानों को कोई आधार नहीं दिया है. इस बार रबी सीझन के लिए 132 करोड रूपयों के कर्ज वितरण का लक्षांक रहने के बावजूद जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के मार्फत एक भी किसान को कर्ज नहीं दिया गया. अगस्त व सितंबर माह में कर्जमाफी होने के बाद नये कर्ज के लिए किसानों के पात्र हो जाने के बावजूद इस बैंक ने रबी सीझन में अपनी मुठ्ठी बंद ही रखी है.

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