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रेमडेसिविर को लेकर अमरावती के साथ भेदभाव और अन्याय

  •  राजनीतिक इच्छाशक्ति व प्रशासनिक प्रयास कम पड़ रहे

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – इन दिनों अमरावती शहर सहित जिले में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और जिले के सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों मेंं अमरावती जिले सहित बाहरी जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों को भी इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है. इसमें से अधिकांश मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने की जरूरत है. किंतु विगत लंबे समय से अमरावती जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी किल्लत देखी जा रही है साथ ही अब तो इस इंजेक्शन की आपूर्ति के मामले में अमरावती जिले को अनदेखी, अन्याय व भेदभाव का भी शिकार होना पड़ रहा है.
बता दे कि रेमडेसिविर के समसमान और समूचित वितरण के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर की गई है और हाईकोर्ट द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन के आवंटन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गये है. किंतु बावजूद इसके रेमडेसिविर इंजेक्शन के जिला निहाय वितरण में काफी असमानता देखी जा रही है. जानकारी के मुताबिक विगत शनिवार को नागपुर में समूचे विदर्भ क्षेत्र के लिए रेमडेसिविर के करीब ७ हजार इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध हुआ जिसमें से अधिकांश हिस्सा नागपुर शहर व जिला सहित नागपुर संभाग के लिए आरक्षित कर लिया गया. इस हेतु मुलत: नागपुर से वास्ता रखनेवाले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित वहां के जनप्रतिनिधियों द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार पर आवश्यक दवा बनायेंगे. वहीं अमरावती जिले के लिए शनिवार को केवल ९८ व रविवार की शाम १२८ वायल दिए गये. क्योंकि इस समय अमरावती में एक्टीव पॉजिटीव मरीजों की संख्या ८ हजार से अधिक है. जिसमें से करीब १७०० मरीज कोविड अस्पतालों में भर्ती है. वहीं दूसरी ओर अमरावती संभाग का ही हिस्सा रहनेवाले बुलढाणा जिले को बीते २६ अप्रैल को रेमडेसिविर के दो हजार वॉयल दिए गये थे. जबकि उस दिन अमरावती को केवल ४५० वॉयल प्राप्त हुए थे. पता चला है कि इसके लिए मुलत: बुलढाणा जिले से वास्ता रखनेवाले राज्य के अन्य व औषधी मंत्री डॉ. राजेश शिंगणे द्वारा सरकार ने अपने राजनीतिक रसूख का प्रयोग किया गया. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के केबिनेट में हिस्सेदारी रखनेवाला अमरावती जिला रेमडेसिविर के एक-एक वॉयल के लिए तरस रहा है. अब इसे या तो राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव कहा जा सकता है या फिर प्रशासनिक प्रयासों की विफलता.

 

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  • हमारे प्रयास जारी है

इस समय अमरावती जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी हद तक किल्लत तो चल रही है. किंतु इसका यह कतई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि किसी जिले पर सरकार द्वारा विशेष मेहरबानी की जा रही है. क्योंकि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करना भी जरूरी है. किंतु इस चक्कर में अमरावती जिले के साथ भेदभाव व अन्याय जरूर हुआ है. जिसे दूर करने हेतु सतत प्रयास जारी है और जल्द ही मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में चर्चा की जायेगी.
-एड. यशोमती ठाकुर
जिला पालकमंत्री, अमरावती

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  •  दो दिन में दूर होगी किल्लत

जिले में जिस रफ्तार से कोविड संक्रमित मरीज पाए जा रहे है. उस लिहाज से रेमडेसिविर इंजेक्शन का मिलने वाला स्टॉक बेहद कम है. जिसकी आपूर्ति सुचारू करने हेतु हम तमाम प्रयास कर रहे है. साथ ही सभी मरीजों व उनके रिश्तेदारों से बार बार यह आवाहन भी किया जा रहा है कि हर एक कोरोना संक्रमित मरीज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन जरूरी नहीं होता. अत: इसके प्रयोग हेतु डॉक्टरों के समक्ष नाहक जिद न करे. ताकि केवल जरूरत रहनेवाले मरीजों को ही यह इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा सके.
-शैलेश नवाल
जिलाधीश, अमरावती

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