श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ दर्ज मामला खारिज
आरएफओ दीपाली चव्हाण की आत्महत्या का मामला
-
नागपुर खंडपीठ ने दी रेड्डी को बडी राहत
नागपुर/प्रतिनिधि दि.13 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत हरिसाल की वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के निलंबीत अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम. श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ धारणी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा रद्द कर दिया गया है. इससे इस मामले में काफी बडा फैसला माना जा रहा है. जिससे एम. श्रीनिवास रेड्डी को काफी बडी राहत मिली है.
बता दें कि, विगत फरवरी माह में हरिसाल के वन परिक्षेत्र अधिकारी पद पर तैनात दीपाली चव्हाण ने अपने सरकारी आवास पर अपनी सरकारी पिस्तौल से खुद पर गोली चलाते हुए आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या करने से पूर्व लिखी गई चिठ्ठी में दीपाली चव्हाण ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर काफी गंभीर आरोप लगाये थे. जिसके आधार पर धारणी पुलिस ने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के तत्कालीन संचालक व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एम. श्रीनिवास रेड्डी तथा गुगामल वन्यजीव विभाग के क्षेत्र अधिकारी विनोद शिवकुमार के खिलाफ आत्महत्या हेतु प्रवृत्त करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. पश्चात दोनों अधिकारियों को पद से निलंबीत कर दिया गया था. वहीं अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करवाने हेतु एम. श्रीनिवास रेड्डी हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे. जहां पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद रेड्डी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है. ऐसे में अब रेड्डी पूरी तरह से दोषमुक्त हो गये है.