धारणी/दि.15– मेलघाट के प्रकल्पक कार्यालय अंतर्गत आनेवाले एक शासकीय आश्रमशाला में शिक्षा लेने वाली नाबालिग आदिवासी छात्रा का वैद्यकीय जांच के दौरान वहां कार्यरत वैद्यकीय अधिकारी ने विनयभंग किया. यह जानकारी पीडिता व्दारा शाला के मुख्याध्यापक सहित शिक्षकों को दिए जाने के बाद छात्रा को ही चुप रख मामला रफादफा करने किया. साथ ही उस वैद्यकीय अधिकारी को सहयोग किया. इस बाबत पीडिता ने धारणी थाने में शिकायत दर्ज की है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित वैद्यकीय अधिकारी, शाला के मुख्याध्यापक, महिला शिक्षिका और शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
धारणी प्रकल्प कार्यालय अंतर्गत आनेवाले एक शासकीय आश्रमशाला में तहसील के एक गांव की आदिवासी छात्रा पढती है और आश्रमशाला के ही छात्रावास में रहती है. 13 सितंबर को सुबह 11 बजे के दौरान छात्रा की तबीयत खराब होने से आश्रमशाला के शिक्षक जवरे और शिक्षिका मंगला यह उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साद्राबाडी उपचार के लिए ले गए. तब शिक्षिका बाहर ही थी और शिक्षक पास के कमरे में था. तब वहां कार्यरत वैद्यकीय अधिकारी अजय मालवीय और संबंधित छात्रा दोनों चेकअप रुम में अकेले थे. उस समय अजय मालवीय ने उसका विनयभंग किया. अपने साथ हुई आपबीती पीडिता ने परिजनों को बताई. पश्चात परिजनों ने धारणी थाना पहुंचकर गुरुवार की देर रात धरणी थाने में दर्ज की गई शिकायत के आधार पर धारणी पुलिस ने वैद्यकीय अधिकारी अजय मालवीय, मुख्याध्यापक अतुल, शिक्षक रावसाहब और शिक्षिका के खिलाफ धारा 354, 354 (अ), 354 (ब) और पोक्सो व एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. इस प्रकरण की जांच मोर्शी के उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीलेश पांडे को सौंपी गई है.
* दोषियों पर मामला दर्ज
इस घटना का पता चला है. दोषियों पर फौजदारी मामला दर्ज हुआ है. कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी की समिति गठित कर शाला की छात्रा के साथ पूछताछ कर मुख्याध्यापक समेत महिला शिक्षक व शिक्षिका पर कार्रवाई की जाएगी.
– रिचर्ड यांनथन, आईएएस,
प्रकल्प अधिकारी