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जिला ट्रेड काउंसिल ने की देशव्यापी हडताल

  •  जिलाधीश कार्यालय पर ले जाया गया भव्य मोर्चा

  •  विभिन्न सरकारी महकमों के कर्मचारी भी हुए हडताल में शामिल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – संविधान दिवस का औचित्य साधते हुए अपनी विभिन्न प्रलंबित मांगोें के लिए अमरावती जिला ट्रेड यूनियन्स् काउंसिल की अगुआई में केंद्रीय कामगार संगठन संयुक्त कृति समिती व अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिती की ओर से देशव्यापी हडताल में हिस्सा लेते हुए स्थानीय जिलाधीश कार्यालय पर भव्य मोर्चा ले जाया गया और जिलाधीश के मार्फत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम अपनी प्रलंबित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, भारत सरकार को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी और कर्तव्यों की याद दिलाने हेतु संविधान दिवस का औचित्य साधते हुए यह आंदोलन और देशव्यापी हडताल की जा रही है. जिसमें निजी व सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों सहित किसान, मजदूर, पशुपालक, मच्छीमार तथा ग्रामीण कारागीर व असंघटित क्षेत्रों के कामगार व कर्मचारी भी शामिल है. इस ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि, कोविड की वजह से पैदा हुए संकटकाल का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार ने अब तक अस्तित्व में रहनेवाले सभी कामगार कानूनों को रद्द कर दिया और चार नये कामगार कानून लोकसभा व राज्यसभा में बिना किसी चर्चा के पारित किये गये. जिसकी वजह से समूचे देश में बडी-बडी कार्पोरेट कंपनियों का राज हो जायेगा. जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता है. अत: सरकार को अपने इस कदम पर पुनर्विचार करना होगा. इस ज्ञापन के साथ ही प्रशासन के समक्ष करीब 23 मांगे रखी गयी और चेतावनी दी गई कि, यदि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो भविष्य में तीव्र आंदोलन किया जायेगा.
ज्ञापन सौंपते समय आयटक नेता तुकाराम भस्मे, ट्रेड यूनियन काउंसिल के कोषाध्यक्ष चंदू बानुबाकोडे, सहसचिव सुभाष पांडे, आयटक सचिव जे. एम. कोठारी, सहसचिव निलकंठ ढोके, सीटू संगठन के उपाध्यक्ष राजेंद्र भांबोरे, आयटक सचिव नंदू नेतनराव आदि उपस्थित थे. साथ ही इस मोर्चे में विभिन्न कर्मचारियों व कामगारों के अनेकों संगठन भी शामिल हुए. जिनके प्रतिनिधियों ने इस हडताल में हिस्सा लिया.

 

जिप में काले फीते लगाकर हुआ काम

इस देशव्यापी हडताल के तहत स्थानीय जिला परिषद के विभिन्न महकमों में कर्मचारियों द्वारा पूरा दिन काले फीते लगाकर काम किया गया और इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया गया.

 

राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन (मुंबई) तथा महाराष्ट्र राज्य लेखा व कोषागार कर्मचारी संगठन (गट-क) द्वारा किये गये आव्हानानुसार 26 नवंबर को अमरावती कोषागार कर्मचारी, सहसंचालक लेखा व कोषागार विभाग तथा उपकोषागार विभाग के कर्मचारियों ने इस हडताल में हिस्सा लिया और पुरानी पेन्शन योजना लागू करने, किसान विरोधी व कामगार विरोधी कानूनों को रद्द करने आदि मांगोें को लेकर सरकार एवं प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. इस हडताल में संगठन के कार्याध्यक्ष अशोक हजारे, रवि सोमकुंवर, अजय काकडे, विशाल देशमुख, मनीष बोरकर, मंगेश गिरी, प्रशांत इंगले आदि सहित अनेकों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

 

 लोकनिर्माण विभाग कर्मी भी शामिल हुए हडताल में

स्थानीय सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के भी सभी कर्मचारी इस हडताल में शामिल हुए और उन्होंने अपनी मांगों को लेकर लोकनिर्माण विभाग कार्यालय के समक्ष जमकर धरना प्रदर्शन किया. इस समय निजीकरण व ठेका पध्दति से संबंधित नियमोें को रद्द करते हुए सभी अंशकालीन व ठेका नियुक्त कर्मचारियोें की सेवा को नियमित करने, पुरानी पेन्शन योजना लागू करने और समयपूर्व सेवानिवृत्ति के नियम को रद्द करने सहित विभिन्न मांगे उठायी गयी. इस आंदोलन में लोकनिर्माण विभाग के सभी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

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