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मनपा क्षेत्र में शुरू हुआ प्रभाग तीन सदस्यीय प्रभाग रचना के प्रारूप का काम

राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की अधिसूचना

* मनपा प्रशासन को प्रभाग प्रारूप के लिए दिये निर्देश

अमरावती/दि.7- राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2021-22 में कार्यकाल खत्म होने जा रही महानगरपालिकाओं के चुनाव हेतु प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने के दिशानिर्देश जारी किये गये है. साथ ही 5 अक्तूबर से तीन सदस्यीय प्रभाग का प्रारूप तैयार करने हेतु कहा गया है. ऐसे में स्थानीय मनपा प्रशासन द्वारा अब नये सिरे से प्रभाग रचना का काम शुरू किया गया है.
बता दें कि, इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य की कुल 23 महानगर पालिकाओें को एक सदस्यीय प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने का निर्देश दिया गया था. किंतु बाद में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मुंबई को छोडकर राज्य की अन्य सभी महानगरपालिकाओं में तीन सदस्यीय प्रभाग रचना के जरिये चुनाव करवाये जाने का निर्णय लिया गया. जिसके अध्यादेश पर राज्यपाल द्वारा भी हस्ताक्षर किये गये. ऐसे में विगत अगस्त माह से एक सदस्यीय प्रभाग रचना को लेकर शुरू किये गये काम का अब कोई औचित्य नहीं बचा है, क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी संबंधित मनपा प्रशासन को तीन सदस्यीय प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है.

* कोई एक वॉर्ड में सदस्य संख्या रहेगी दो अथवा चार

इस संदर्भ में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि, मनपा क्षेत्र में सभी प्रभाग तीन सदस्यीय ही होंगे. किंतु जहां पर सम व विषम संख्या का पेंच फसेंगा, वहां पर किसी एक प्रभाग को दो अथवा चार सदस्यीय भी रखा जा सकेगा. इसके लिए मनपा क्षेत्र की कुल जनसंख्या व मनपा की सदस्य संख्या के आधार पर प्रभाग की सदस्य संख्या तय की जायेगी. साथ ही भौगोलिक परिस्थिति पर भी विचार किया जायेगा. किंतु तीन से अधिक व कम सदस्य संख्यावाला ऐसा प्रभाग हर महानगरपालिका में केवल एक व अंतिम ही रहेगा.

* प्रभागों के विभाजन को लेकर भी मानक तय

इस अधिसूचना में प्रभागों की रचना व प्रभागों के विभाजन को लेकर आवश्यक दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि, तीन सदस्यीय प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार करते समय आयोग की ओर से जारी निर्देशों, अदालत द्वारा दिये गये आदेशों तथा प्रभाग रचना नियमावली का कडाई से पालन किया जाना चाहिए. साथ मनपा के विगत चुनाव पश्चात अब तक विकास योजनाओं की वजह से हुए भौगोलिक बदलाओं पर भी प्रभाग रचना करते समय विचार किया जाना चाहिए. साथ ही संबंधित प्रभाग की मुलभूत सेवाओं व सुविधाओं, जैसे की मनपा शाला व स्वास्थ्य केंद्र एवं क्रीडांगण का उसी प्रभाग में समावेश रखा जाना चाहिए. वहीं जनगणना के प्रगणक गुट का बीच में ही विभाजन नहीं होना चाहिए. इसके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति की बस्तियों सहित रिहायशी इलाकों का बीच में से विभाजन नहीं होना चाहिए. वहीं प्रभाग रचना शुरू करते समय यह कार्य उत्तर दिशा से शुरू करते हुए उत्तर से ईशान्य (उत्तर पूर्व) होते हुए पूर्व दिशा की ओर आगे बढना चाहिए और पूर्व से पश्चिम की ओर प्रभाग रचना करते हुए इसका अंत दक्षिण छोर पर किया जाना चाहिए. साथ ही प्रभाग क्रमांक भी इसी पध्दति से किये जाने चाहिए.
इसके अलावा इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार होते ही इसकी जानकारी तत्काल राज्य निर्वाचन आयोग को ई-मेल के जरिये दी जाये, ताकि प्रभाग रचना की अगली कार्रवाई शुरू की जा सके. साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि, प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार करते समय पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीय रखा जाये. आयोग के मुताबिक इस कार्रवाई को गोपनीय नहीं रखने और नियमों का कडाई से पालन नहीं होने की वजह से प्रारूप प्रभाग रचना के खिलाफ आपत्ति व आक्षेप के मामले बढ जाते है. साथ ही अंतिम प्रभाग रचना को लेकर अदालतों में कई सारी याचिकाएं डाली जाती है. जिनके लंबीत रहने की वजह से प्रभाग रचना का काम प्रभावित होता है.

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