शहर में दिखाई देने लगी दिपावली की धामधूम
बाजार हुआ गुलजार, हर क्षेत्र में ग्राहकी की रौनक बढी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – पांच दिवसीय दीपोत्सव यानी दीपावली का पर्व शुरू होने में अब महज कुछ दिनों का समय शेष बचा हुआ है. ऐसे में सभी घरों में साफ-सफाई व रंगाई-पुताई का दौर शुरू हो गया है. साथ ही घरों की साज-सज्जा को लेकर भी जमकर तैयारियां की जा रही है. इसके अलावा दीपावलीवाले दिन व्यक्तिगत साज-श्रृंगार कैसा रहेगा, इसे लेकर भी हर कोई विशेष तौर पर ध्यान दे रहा है. ऐसे में बाजार में कपडे-लत्ते, जेवरात के साथ-साथ अन्य सभी साहित्य की खरीददारी का दौर जमकर चल रहा है. जिसकी वजह से बाजार पूरी तरह से गुलजार दिखाई दे रहा है.
बता दें कि, विगत डेढ वर्षों के दौरान कोविड संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन के चलते हर ओर कडे प्रतिबंधात्मक नियम लागू थे. अब लोगों में भी बीमारी को लेकर काफी हद तक डर व्याप्त था. हालांकि गत वर्ष सितंबर माह में कोविड संक्रमण की पहली लहर खत्म होने के बाद दीपावली का पर्व आते-आते लॉकडाउन संबंधी नियमों में काफी हद तक ढिल दी गई थी. जिसकी वजह से दीपावली पर्व के अवसर पर कुछ हद तक बाजारों में रौनक दिखाई दी थी. किंतु इसके बाद फरवरी माह से कोविड संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गई. जिसके चलते एक बार फिर कडे प्रतिबंध लागू कर दिये गये. लेकिन अब कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर भी काफी हद तक कम हो गया है और कोविड संक्रमितों की संख्या काफी हद तक घट गई है. जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों को शिथिल करने के साथ ही कई प्रतिबंधों को हटा दिया गया है. जिसके तहत अब धार्मिक आयोजनों तथा पर्व व त्यौहारों को छूट देते हुए धार्मिक स्थलों को खोलने की भी अनुमति दी गई है. यहीं वजह है कि, विगत दिनों दशहरे का त्यौहार बडी धूमधाम से मनाया गया. वहीं अब पूरी उम्मीद है कि, दीपावली का पर्व भी बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. ऐसे में पांच दिनों तक चलनेवाले इस त्यौहार को लेकर जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है.
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सराफा व बर्तन बाजार में लौटी चमक
दशहरा व दीपावली के पर्व पर लोगों द्वारा बडे पैमाने पर शगुन की खरीदी के तौर पर अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने-चांदी सहित बर्तनों की खरीदी की जाती है. इसके तहत गहनों के साथ-साथ सोने से बने सिक्के व चांदी से बने बर्तनों की बडे पैमाने पर बिक्री होती है. साथ ही साथ धनतेरस के पर्व पर शगुन के रूप में बर्तन खरीदे जाते है. बीते वर्ष भले ही दीपावली पर्व के आसपास अन्य सभी क्षेत्रों की तरह सराफा बाजार को खुलने की अनुमति दे दी गई थी. किंतु करीब चार से पांच माह के लॉकडाउन ने आर्थिक रूप से लोगोें की कमर तोड दी थी. ऐसे में गत वर्ष दीपावली जैसे पर्व के समय भी सराफा बाजार में कोई रौनक नहीं थी. किंतु अब विगत एक वर्ष से तमाम क्षेत्रों में काफी हद तक कामकाज सामान्य हो चला है और जनजीवन भी पहले की तरह पटरी पर लौट आया है. साथ ही अब कोविड संक्रमण के खतरे की वजह से लगाये गये नियमों को भी काफी हद तक शिथिल कर दिया गया है. जिसकी वजह से दशहरे के पर्व पर बाजार में अच्छी-खासी रौनक दिखाई दी. जिसके मद्देनजर पूरी उम्मीद है कि, इस बार दीपावली पर्व पर विशेषकर धनतेरस पर सराफा व बर्तन बाजार में पुरानी चमक दिखाई देगी.
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नये-नवेले परिधानों से सजा कपडा बाजार
दीपावली पर्व के मौके पर सभी परिवारों के हर एक सदस्य द्वारा नये-नवेले कपडे पहने जाते है. नये कपडे पहनकर ही लक्ष्मीपूजन किया जाता है. ऐसे में इन दिनों शहर के सभी कपडा प्रतिष्ठानों में नई डिजाईन व आकर्षक रंगोंवाले फैशनेबल कपडों की भरपूर रेंज उपलब्ध करा दी गई है. साथ ही कपडा बाजार अपने ग्राहकों का स्वागत करने हेतु पूरी तरह से तैयार है. विगत वर्ष कपडा बाजार में भी पूरी तरह से सन्नाटा था और अमरावती के कपडा बाजार ने अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान पी-1 व पी-2 की व्यवस्था को भी झेला था. लेकिन अब तमाम प्रतिबंध काफी हद तक हट गये है और अन्य प्रतिष्ठानों की तरह कपडा प्रतिष्ठान भी रात 11 बजे तक खुले रहते है. ऐसे में कपडा प्रतिष्ठानों में नया स्टॉक उपलब्ध कराने के साथ-साथ ग्राहकों को आकर्षित करने हेतु शानदार ढंग से साज-सज्जा की गई है और कई स्थानों पर आकर्षक छूट व ऑफर भी चलाये जा रहे है. साथ ही साथ दीपावली पर्व के मद्देनजर सभी कपडा प्रतिष्ठानों में नागरिकों की भी अपने व अपने परिजनों के लिए कपडे खरीदने हेतु अच्छी-खासी भीडभाड उमड रही है. जिसके चलते कपडा बाजार में भी शानदार रौनक दिखाई दे रही है.
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पेन्ट हाउस व हार्डवेअर की दुकानों में भी बढी भीड
दीपावली पर्व के अवसर पर अधिकांश लोगबाग अपने घरों की रंगाई-पुताई करवाते है. साथ ही घरों में छोटी-मोटी दुरूस्तियों के काम भी दीपावली से पहले निपटाये जाते है, ताकि घर सुंदर और आकर्षक दिखाई दे. ऐसे में इन दिनों शहर के तमाम पेंटहाउस व हार्डवेअर स्टोअर्स जैसे प्रतिष्ठानों में अच्छी-खासी ग्राहकी दिखाई दे रही है और लोगबाग चूना, सिमेंट, डिस्टेंपर व पेंट की भी खरीददारी कर रहे है. साथ ही साथ घरों में छोटी-मोटी दुरूस्ती के लिए लगनेवाले सामानों की खरीददारी हेतु हार्डवेअर की दुकानों पर भी भीडभाड देखी जा रही है.
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इलेक्ट्रीकल व इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग बढी
दीपावली पर्व के अवसर पर जहां एक ओर सभी घरों पर आकर्षक रोशनाई की जाती है. जिसमें बडे पैमाने पर विद्युत लडियों यानी इलेक्ट्रीकल सीरिज का प्रयोग होता है. वहीं लोगबाग दीपावली जैसे पर्व का औचित्य साधकर अपने घरों में वॉशिंग मशीन, टीवी, फ्रिज व एसी जैसी कोई वस्तुओं सहित दैनिक जीवन में उपयोगी साबित होनेवाली, विशेषकर किचन में प्रयुक्त होनेवाली कोई वस्तु जरूर खरीदना चाहते है. ऐसे में इस समय सभी इलेक्ट्रीकल व इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम में भी विविध वस्तुओं की खरीददारी के लिए अच्छी-खासी ग्राहकी का दौर चल रहा है.
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दुपहिया व चारपहिया वाहनों की बिक्री बढी
दशहरा पर्व के साथ-साथ धनतेरस व दीपावली के पर्व पर लोगों द्वारा बडी संख्या में दुपहिया व चारपहिया वाहनों की खरीददारी की जाती है. ऐसे में इस समय सभी तरह के दुपहिया व चारपहिया वाहनों के शोरूम में गाडियों की बुकींग और खरीददारी के लिए अच्छी-खासी भीडभाड का माहौल दिखाई दे रहा है. साथ ही सभी वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा ग्राहकों को लुभाने हेतु एक से बढकर एक आकर्षक मॉडल लॉन्च करने के साथ ही कई तरह की स्कीम व ऑफर चलाये जा रहे है. जिन्हें ग्राहकों की ओर से भी अच्छा-खासा प्रतिसाद मिल रहा है.
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सौंदर्य प्रसाधनों व आर्टिफिशियल ज्वेलरी की मांग बढी
इन दिनों शहर में सौंदर्य प्रसाधनों तथा आर्टिफिशियल ज्वेलरी सहित साज-सज्जा व श्रृंगार से संबंधित वस्तुओं की दुकानों पर भी महिलाओं की अच्छी-खासी भीडभाड है और महिलाओं द्वारा बडे चाव के साथ इन वस्तुओें की खरीददारी की जा रही है. बता दें कि, दीपावली पर्व पर साज-श्रृंगार करने के साथ-साथ नरक चतुर्दशीवाले दिन रूप चौदस भी मनाया जाता है. इस दिन महिलाओं के साज-श्रृंगार का अच्छाखासा महत्व होता है.
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दीये, रंगोली, फूल-फल की दूकानें भी सजी
इसके साथ ही इस समय शहर के अलग-अलग इलाकों में दीपावली पर्व हेतु दिये, रंगोली व फल-फूल की दुकानें भी सजनी शुरू हो गई है. जहां बड़े पैमाने पर लोगबाग इन वस्तुओं की खरीदी करते नजर आ रहे हैं. इस समय बाजार में दीपावली पर्व निमित्त रंगबिरंगी रंगोली बिक्री हेतु उपलब्ध है और रंगोली की कीमत में वृद्धि नहीं होने से महिलाओं में भी आनंद व उत्साह देखा जा रहा है. बता दें कि, भारतीय संस्कृति में रंगोंली के बिना पर्व एवं त्यौहारों को अधूरा माना जाता है और एक तरह से प्रत्येक मांगलीक अवसर पर रंगोली निकालना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. इस समय बाजार में अलग-अलग प्रकार की डिजाइन निकालने के लिए अलग-अलग आकार के साचे उपलब्ध हैं. स्वस्तिक, वेल, फूल, गणपति, मोर आदि आकार के सांचे भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. इसके साथ ही दीवाली के त्यौहार पर दीयों का भी महत्व होता है. बाजार में विविध प्रकार के दीये बिक्री के लिए आये हैं. बंगाल, राजस्थान में तैयार किए गए टेराकोटा मिट्टी के दियो की अनेक दूकानें शहर के बाजार में लगी है. साथ ही स्थानीय मूर्तिकार बंधुओं व्दारा तैयार किये गए मिट्टी के दीपक भी बाजार में दिखाई दे रहे हैं. वहीं साफ सफाई के लिए फड़ा, झाड़ू व अन्य साहित्य की भी बाजार में बिक्री हो रही है. साथ ही जगह-जगह पर मौसमी फलों व आकर्षक फूलों की दूकाने भी सज गई है.
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आकाशदियों की रोशनी से नहाया शहर
दीपावली पर्व पर घरों के सामने दीप पंक्ति सजाने और घरों पर बिजली की लड लगाने के साथ-साथ घरों की मुंडेर पर आकर्षक आकाश दिये भी लगाये जाते है. ऐसे में इस समय बाजार में एक से बढकर एक आकर्षक रंगों व डिजाईनवाले अलग-अलग आकार-प्रकार के एक से बढकर एक आकाश दिये बिक्री हेतु उपलब्ध है. जिनकी खरीददारी भी जमकर की जा रही है. शहर के अलग-अलग चौक-चौराहों पर लगी आकाश दियों की की दूकानों में रोजाना शाम इन आकाश दियों में बल्ब लगाये जाते है. साथ ही इलेक्ट्रीक लडियों को भी आकर्षक ढंग से सजाकर जलाया जाता है. जिसके चलते पूरा शहर इस समय आकर्षक रोशनी में नहाया हुआ दिखाई दे रहा है.