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किसानों पर न की जाये ई-फसल निरिक्षण की सख्ती

 सरकारी कर्मचारियों से करवाया जाए फसल निरिक्षण

  • राज्यमंत्री बच्चू कडू ने सौंपा सीएम ठाकरे को पत्र

अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 – इस समय राज्य में किसानों द्बारा अपने खेतों में लगाये गये फसलों का निरिक्षण करने हेतु राज्य सरकार की ओर से ई-फसल निरिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत खेतों का सर्वे व गट नंबर, कुल क्षेत्र, पोट खराब क्षेत्र तथा खेत में लगाई गई फसलों की जानकारी खुद किसानों के द्बारा ई-फसल निरिक्षण सॉफ्टवेअर में दर्ज करने और उसकी फोटो निकालकर अपलोड करने की सख्ती की जा रही है. जोकि पूरी तरह से गलत है क्योंकि कई किसान परिवारों ने एन्ड्राईड मोबाइल फोन नहीं होता और वे सॉफ्टवेअर जैसी चीजों को लेकर जागरुक व प्रशिक्षित नहीं होते. ऐसे में ई-फसल निरिक्षण कार्यक्रम को सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के जरिए ही चलाया जाए तथा इसे लेकर किसानों के साथ किसी भी तरह की कोई सख्ती न की जाये. इस आशय की मांग राज्य के जलसंपदा व लाभ क्षेत्र विकास राज्यमंत्री बच्चू कडू द्बारा की गई है.
इस संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपे गये पत्र में उपरोक्त मांग करने के साथ ही राज्यमंत्री बच्चू कडू ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीब व अल्पशिक्षित सामान्य किसानों के लिये ई-फसल निरिक्षण कार्यक्रम एक तरह से सिरदर्द साबित हो रहा है. यदि किसानों द्बारा तय समयावधि के भीतर जानकारी अपडेट नहीं दी जाती, तो सातबारा दस्तावेज में उनकी फसल वाला कॉलम खाली रह जाएगा. साथ ही वे क्षतिपूर्ति मुआवजा अनुदान व फसल बीमा जैसी विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित भी रह सकते है. ऐसे में ई-फसल निरिक्षण कार्यक्रम को कृषि एवं राजस्व विभाग के जरिए अमल में लाया जाना चाहिए और इस योजना का बोझ किसानों पर बीना वजह नहीं डाला जाना चाहिए.

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