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पालकमंत्री यशोमती ठाकुर के प्रशासन को स्पष्ट निर्देश
अमरावती/ प्रतिनिधि दि.9 – जिले में कोरोना बाधितों की संख्या दिनोदिन बढ रही है. इसकी गंभीरता को पहचानकर सभी ने दक्षता त्रीसूत्री का पालन नहीं किया तो फिर संक्रमण बढकर लॉकडाउन की नौबत आ सकती है. यह धोका समय पर ही पहचानना चाहिए और सभी ने दक्षता त्रीसूत्री का पालन करने का आह्वान करते हुए राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिले की पालकमंत्री यशोमती ठाकुर ने दक्षता न बरतने वालों पर कडी दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश यंत्रणा को आज दिये.
कोरोना बाधितों की संख्या बढ रही है. इस पृष्ठभूमि पर पालकमंत्री ने इस बाबत गंभीर दखल लेते हुए संबंधित सभी विभागों की बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में ली. उस समय वे बोल रही थी. विधायक बलवंत वानखडे, जिलाधिकारी शैलेश नवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमोल येडगे, पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह, निगमायुक्त प्रशांत रोडे, जिला शल्यचिकित्सक डॉ.श्यामसुंदर निकम, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.दिलीप रनमले, पीडीएमसी अधिष्ठाता डॉ.ए.टी.देशमुख, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अनिल रोहनकर आदि इस समय उपस्थित थे.
पालकमंत्री श्रीमती ठाकुर ने कहा कि टीका आने से यह लढाई निर्णायक मोड पर पहुंच चुकी है, ऐसा लगते समय ही कोरोना ने फिर सिर उठा लिया है. विशेषकर अमरावती विभाग के जिलों में कोरोना की साथ ज्यादा दिखाई दें रही है फिर लॉकडाउन की नौबत न आये, ऐसा हुआ तो इससे पहले निर्माण हुई समस्याएं और बढेगी. युरोपियन देश के साथी की घटनाओं की पुनर्रावृत्ति हमारे यहां नहीं होनी चाहिए, जिससे मास्क का इस्तेमाल करें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करे व हाथों की स्वच्छता आदि दक्षता सभी ने बरतनी चाहिए. स्वयं दक्षता न बरतकर अन्यों की जान खतरे में डालना घातक है. किसी को इसकी गंभीरता नहीं समझती है तो उसपर दंडात्मक कार्रवाई करें, इस बाबत शिस्त निर्माण करने के लिए लगातार कार्रवाई की मुहिम छेडने व जनजागृति मुहिम छेडने के निर्देश पालकमंत्री ने यंत्रणा को दिये.
इसी तरह इस पृष्ठभूमि पर स्वास्थ्य यंत्रणा ने अस्पताल से दवाईयों का स्टॉक, इलाज सुविधा, जरुरत के अनुसार बेड की व्यवस्था आदि यंत्रणा को तैयार रखने के निर्देश भी उन्होंने दिये. गृह विलगीकरण के मरीजों से लक्षण नहीं पाये गए तो कई बार सोशल डिस्टेसिंग व अन्य नियमों का पालन नहीं किये जाने की शिकायतें आ रही है. जिससे ऐसे मरीजों से नियमभंग हुआ तो जुर्माने के स्पष्ट उल्लेख के साथ उससे बाँड लिखवा ले. दुबारा वह फिर नियमों का उल्लंघन करते दिखाई देने पर जुर्माना डबल किया जाएगा. जिस जगह पर जयादा प्रमाण में बाधित पाये जा रहे है वह जगह निश्चित कर वहां रैपिंड एन्टीजन टेस्ट का प्रमाण बढाने के निर्देश भी उन्होंने दिये है.