नागपुर/दि.15 – कुछ दिन पूर्व बेटे के विवाह निमित्त मिले पैरोल के बाद वापस कारागृह लौटे मुंबई के कुख्यात डॉन अरुण गवली को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अब फरलो (संचित अवकाश) मंजूर किया हैं.
न्या.सुनील शुके्र व महेंद्र चांवानी ने अरुण गवली को राहत दी हैं. गवली को उसकी पात्रता के मुताबिक व आवश्यक शर्त पर संचित अवकाश देने और उसे इस निर्णय की प्रति मिलने के बाद एक सप्ताह के भीतर छोडने के अदालत ने आदेश दिए हैं. अवकाश मंजूर किए जाने से अरुण गवली मुंबई मनपा चुनाव प्रभावित कर सकता हैं. इस कारण से कारागृह विभाग के उपनिरीक्षक (पूर्व) ने गवली के संचित अवकाश के आवेदन को नामंजूर किया था. इस कारण उसने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. अदालत ने ठोस सबूत रिकार्ड पर न रहने से संबंधित कारण काल्पनिक रहने का मत व्यक्त किया. गवली को उसके पूर्व भी पैरोल व फरलो पर छोडा गया हैं. इस दौरान उसने नियमों का कडाई से पालन किया हैं. उसने एक दफा भी कोई गलत कृत्य नहीं किया ऐसा अदालत ने अवकाश मंजूर करते समय स्पष्ट किया. गवली को शिवसेना के नगरसेवक कमलाकर जामसांदेकर के हत्या प्रकरण में उम्र कैद की सजा मिली हैं. वह नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में सजा भुगत रहा हैं. गवली की तरफ से एड. मीर नगमान अली ने कामकाज संभाला.