कोविड-19 से डरें नहीं, बल्कि ज्यादा सतर्क रहें
अमरावती/प्रतिनिधि दि.18 – इस समय चारों ओर कोविड वायरस के संक्रमण से ज्यादा इससे जूडी खबरों की वजह से भय का काफी अधिक माहौल है. आये दिन इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में कोविड-19 वायरस के संक्रमण को लेकर आंकडों के जरिये कुछ अधिक भयावह तस्वीर पेश की जा रही है. किंतु इस बात की बडे साफ तरीके से अनदेखी हो रही है कि, जिस तेजी से लोग कोविड संक्रमित पाये जा रहे है, उसी तेजी से मरीज कोविड मुक्त भी हो रहे है. विगत एक वर्ष के दौरान अकेले अमरावती जिले में कुछ 56 हजार 672 कोविड संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. जिसमें से अब तक 50 हजार 405 यानी करीब 90 फीसद मरीज कोविड मुक्त होकर कोविड अस्पतालों से अपने-अपने घर लौट चुके है. हालांकि इस दौरान अमरावती जिले के 777 मरीजों की मौत हुई है. जिसका सभी को बेहद अफसोस है. किंतु इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि मरनेवालों में 60 वर्ष से अधिक आयुगुट के मल्टीपल डिसीज यानी बहुविध बीमारियों से पीडित मरीजों का प्रमाण अधिक रहा. साथ ही कुल संक्रमित मरीजों की तुलना में संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का प्रतिशत केवल 1.37 फीसदी है. यदि इसे अमरावती जिले की जनसंख्या के साथ तोला जाये तो यह कुल जनसंख्या के अनुपात में महज 0.02 फीसद है.
कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए सभी व्यक्तियों और उनके परिजनों के प्रति पूरी संवेदना रखते हुए इस विशेष बुलेटिन के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते है कि, इस वक्त हम सभी को कोविड वायरस के संक्रमण को लेकर विभिन्न माध्यमों के जरिये जितना अधिक डराया जा रहा है और संक्रमण सहित मौतों व अव्यवस्था को लेकर जो भयावह तस्वीर पेश की जा रही है, उन सब के बीच इस तथ्य की अनदेखी हो रही है कि, अब तक कोविड संक्रमण की चपेट में आये अधिकांश या कहे कि लगभग 90 फीसदी मरीज कोविड मुक्त हो चुके है.
ऐसे में हमें लगता है कि, बेवजह खडे किये जा रहे हौवे के चलते इस बीमारी से डरने की बजाय इस बीमारी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. जरूरत इस बात की है कि, अव्वल तो हम सभी इस बीमारी की चपेट में आने से खुद को बचाये. जिसके लिए हम सभी को केवल अपने-अपने चेहरों पर कपडे से बने सामान्य मास्क का प्रयोग करना है और बिना वजह अपने घरों से बाहर निकलने से बचना है. यदि हम इतना भी कर पाये, तो इस संक्रामक महामारी से बच सकते है. वहीं यदि खुद में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते है, तो बिना घबराये अपनी कोविड टेस्ट करवानी है और अगर खुदा ना खास्ता रिपोर्ट पॉजीटीव आती है, तो बेझिझक किसी भी कोविड अस्पताल में भरती होकर अपना इलाज करवाना है. कोविड रिपोर्ट पॉजीटीव आने के बाद डॉक्टरों पर खुद को होम आयसोलेट करने को लेकर दबाव नहीं बनाना है, क्योंकि आप की वजह से आपके परिवार की जिंदगी खतरे में पड सकती है.
इस विषय को लेकर मंडल न्यूज बुलेटीन में विगत एक वर्ष से कोविड संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों सहित अमरावती मनपा के आयुक्त प्रशांत रोडे व आयएमए के अध्यक्ष डॉ. दिनेश ठाकरे से विशेष तौर पर बातचीत की.
यद्यपि इस बुलेटीन के जरिये हमने यह संदेश देने का प्रयास किया कि, जिस तेजी से लोगबाग कोविड संक्रमण की चपेट में आ रहे है, उसी तेजी से मरीज कोविड मुक्त भी हो रहे है, लेकिन इस बुलेटीन का मकसद आप लोगों को इस संक्रामक महामारी के खतरे को लेकर लापरवाह करना नहीं, बल्कि और अधिक सजग व सतर्क करना है. मैं आपको चलते-चलते बता दूं कि, आज रविवार 18 अप्रैल को भी 596 लोगोें की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. इसके साथ ही अमरावती जिले में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 56 हजार 670 हो गयी है. वहीं आज कुल 22 संक्रमितों की अमरावती के कोविड अस्पतालों में मौत हुई. जिसमें 14 स्थानीय व 8 बाहरी जिलों के मरीज थे. अब तक अमरावती जिले में कुूल 777 लोग कोविड संक्रमण की वजह से दम तोड चुके है. जारी अप्रैल माह के दौरान ही 18 दिनों में 7 हजार 937 नये संक्रमित मरीज पाये जा चुके है और 108 संक्रमितों की मौत हुई है. वहीं 1 जनवरी से अब तक यानी 108 दिनों में 36 हजार 892 नये संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. जिनमें से 381 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. ऐसे में इस बीमारी को हलके में तो नहीं लिया जा सकता, लेकिन सतर्क और सजग रहकर इस बीमारी से बचा जरूर जा सकता है. आप सभी सतर्क और सजग रहकर स्वस्थ एवं सुरक्षित रहेंगे, ऐसी उम्मीद की जा सकती है. लॉकडाउन व संचारबंदी के नियमों का पालन करें और अपने जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें. इस अपील के साथ नमस्कार.