नये स्टेन को लेकर अब भी संदेह बरकरार
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एक माह से हो रहा लैब रिपोर्ट का इंतजार
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आयसीएमआर से अब तक नहीं मिली रिपोर्ट
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 20 – विगत फरवरी माह में कोरोना संक्रमण को लेकर पैदा हुई विस्फोटक स्थिति के चलते अमरावती शहर व जिला समूचे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था और लगातार बढ़ती संक्रमितों की संख्या की वजह से जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ था. उस वक्त परिवार के परिवार कोरोना संक्रमित पाये जा रहे थे और संक्रमण की तेज रफ्तार के साथ ही लक्षणों को देखते हुए आशंका जताई जा रही थी कि शायद अमरावती में कोरोना वायरस के नये स्वरूप यानि स्टेन का आगमन हो चुका है. उस समय स्थानीय प्रशासन द्वारा इस बात की तस्दीक करने हेतु करीब 100 कोरोना संक्रमितों के थ्रोट स्वैब सैम्पल पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु जांच प्रयोगशाला में भिजवाये गये थे, लेकिन हैरत की बात है कि उन सैम्पलों की रिपोर्ट को लेकर एक माह बीत जाने के बाद भी स्थानीय प्रशासन को अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
इस बारे में जिला आपत्ति प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिलाधीश शैलेश नवाल से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि यह पूरा काम आयसीएमआर यानि इंडियन काऊंसिल ऑफ मेडिकल एंड रिसर्च की देखरेख में चल रहा है. अमरावती सहित देश के विभिन्न हिस्सों से पुणे प्रयोगशाला को जितने भी सैम्पल भेजे गये हैं, उनकी रिपोर्ट प्रयोगशाला द्वारा आयसीएमआर को भेजी जानी थी. पश्चात आयसीएमआर द्वारा इन रिपोर्ट्स का अध्ययन कर कोई अंतिम निष्कर्ष निकाला जाना है. ऐसे में चुंकि पुणे प्रयोगशाला से जिला प्रशासन को इस बारे में कोई रिपोर्ट ही नहीं भेजी गई है, तो स्थानीय स्तर पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है. हालांकि जिलाधीश नवाल ने यह जरूर कहा कि समय समय पर स्वास्थ्य मंत्रालय एवं आयसीएमआर द्वारा जितने भी निर्देश भेजे जा रहे हैं, उन सभी का स्वास्थ्य विभाग के जरिए कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है. इस समय जिलाधीश नवाल ने स्वास्थ्य महकमे के हवाले से यह भी कहा कि जिन मरीजों में नये स्टेन के होने का संदेह था, उन्हें पहले ही अन्य मरीजों से अलग ही रखा गया था. पश्चात उन्हें कोविडमुक्त होने के बाद डिस्चार्ज भी दिया गया. ऐसे में इस बात की संभावना लगभग ना के बराबर है कि अमरावती में नये स्वरूप के कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ हो. हालांकि बावजूद इसके तमाम एहतियाति कदम उठाये जा रहे हैं. इसके अलावा जिले में कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए प्रशासन ने अबतक जितने भी कदम उठाये हैं, उनके सार्थक व सकारात्मक परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं. इन दिनों कोरोना संक्रमित पाये जानेवाले मरीजों की संख्या कुछ हद तक घटी है, साथ ही कोरोना से होनेवाली मौतों का प्रमाण भी अब कम हो गया है.
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साबले मामले में उठाये जा रहे आवश्यक कदम
विगत दिनों जिला परिषद सदस्य प्रकाश साबले ने अमरावती में फर्जी तरीके से कोविड रिपोर्ट पॉजीटिव देनेवाला रैकेट सक्रिय रहने और कई लोगों द्वारा ऐसी रिपोर्ट के जरिए कोविड बीमा पॉलिसी का लाभ उठाये जाने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी गई थी. हालांकि प्रकाश साबले अबतक अपने द्वारा लगाये गये आरोपों के संदर्भ में बार बार स्मरण पत्र व नोटिस दिये जाने के बावजूद कोई सबूत या समाधानकार जवाब पेश नहीं कर पाये हैं. इस विषय को लेकर पूछे गये सवाल पर जिलाधीश नवाल ने कहा कि उस मामले की जांच चल रही है, साथ ही मामले की पड़ताल का जिम्मा शहर पुलिस आयुुक्तालय की साईबर सेल को भी सौंपा चुका है. साथ ही इस बीच यह भी पता चला कि साबले द्वारा लगाये गये आरोपों को आधार बनाकर पिछले दिनों विधानमंडल सत्र के दौरान विधान परिषद में भी कुछ सदस्यों द्वारा अमरावती को लेकर कुछ सवाल उठाये गये हैं. हम उस बारे में लिखीत तौर पर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और सरकार से इस संदर्भ में संपर्क करते हुए सरकारी निर्देश मिलने का इंतजार भी किया जा रहा है.