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ओला प्रभावित किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन
मोर्शी/प्रतिनिधि दि.28 – वर्ष 2018-19 में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि व अकाल प्रभावितों की सूची से अलग रखे गये किसानों को ब्याज सहित मुआवजा दिया जाये और किसानोें के पैसों पर हाथ मारनेवाले तहसीलदार व उनके साथ इस षडयंत्र में शामिल कर्मचारियों को तत्काल निलंबीत किया जाये. इसके अलावा कृषि पंपों के कनेक्शन दुबारा शुरू किये जाये और संजय गांधी निराधार योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को योजना का लाभ दिया जाये. इस आशय की मांग का ज्ञापन देने हेतु भाजपा किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल मोर्शी तहसील कार्यालय पहुंचा. किंतु इस समय तहसीलदार अपने कक्ष में उपस्थित नहीं रहने के चलते मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे की अगुआई में तहसीलदार के कक्ष को ताला लगा दिया गया और कक्ष के दरवाजे पर ही निवेदन की प्रतिलीपी चिपका दी गई.
इस समय पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, नुकसान के अनुदान की सूची बैंक में दिये जाने की वजह से अपने बेहद नजदिकी लोगों के खाते में रकम जमा करायी गयी और इस मामले में काफी आर्थिक गडबडियां की गई. जिसकी तत्काल जांच की जानी चाहिए. डॉ. बोंडे के मुताबिक हिवरखेड की महाराष्ट्र बैंक में किसानों के नाम पर कुल 4 लाख 98 हजार 960 रूपये धनादेश के जरिये जमा कराये गये थे और पटवारी की गैरहाजरी में लाभार्थियों की सूची तैयार की गई थी. जिसमें किसान नहीं रहनेवाले कई लोगों के नाम भी बतौर लाभार्थी शामिल किये गये थे. यह मामला उलटा पड जाने के चलते यही रकम उसी खाते में नकद के तौर पर जमा करायी गयी. जिससे साबित होता है कि पूरे मामले में भारी-भरकम गडबडी हुई है.
तहसील कार्यालय में ताला लगाये जाते समय भाजपा किसान मोर्चा के स्थानीय अध्यक्ष अशोक ठाकरे सहित सुनील सोमवंशी, प्रवीण राउत, देवकुमार बुरंगे, अजय आगरकर, ज्योतीप्रसाद मालवीय, आप्पा गेडाम, हरिदास गेडाम, नितीन राउत, निलेश शिरभाते, अशोक ठाकरे, विलास आखाडे, रवि मेटकर, ढाकुलकर काका, श्रीकांत मांडवे, आशिष वानखडे, सतीश लेकुरवाले, शशिकांत खेडेकार, सुवर्णा साठवणे, अनिता लांजेवार तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.