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डॉ. पवन मालुसरे ने किया सरेंडर, न्यायीक हिरासत के तहत जेल रवाना

मामला रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी और कालाबाजारी का

  • कल आर्थिक अपराध शाखा अदालत से करेगी पीसीआर की मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – विगत माह उजागर हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी और कालाबाजारी मामले के मुख्य आरोपी डॉ. पवन मालुसरे ने अंतत: खुद स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय के सामने उपस्थित होकर आत्मसमर्पण कर दिया. जिसके बाद अदालत ने डॉ. पवन मालुसरे को न्यायिक हिरासत के तहत जेल रवाना कर दिया. साथ ही इसकी सूचना शहर पुलिस को भी दी गई. ऐसे में अब शहर पुलिस आयुक्तालय की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा कल अदालत में आवेदन करते हुए डॉ. पवन मालुसरे को पुलिस कस्टडी रिमांड में सौंपे जाने की मांग की जायेगी.
बता दें कि, पिछले महिने 12 मई को एक गुप्त सूचना के आधार पर सीपी डॉ. आरती सिंह के विशेष पथक और अपराध शाखा के दल ने चपरासीपुरा चौक पर जाल बिछाते हुए सुपर कोविड अस्पताल के वॉर्ड बॉय शुभम सोनटक्के व शुभम किल्लेकर को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. पश्चात इन दोनों की निशानदेही पर सुपर कोविड अस्पताल के मैनेजमेंट प्रमुख डॉ. अक्षय मधुकर राठोड तथा सुपर कोविड अस्पताल की नर्स पूनम भिमराव सोनोने को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के वॉयल सहित हिरासत में लिया गया. पश्चात इस रैकेट का कनेक्शन एमआयडीसी रोड स्थित संजीवनी कोविड सेंटर से जुडा. जहां के लैब असिस्टंट अनिल पिंजरकर के पास से रेमडेसिविर के चार इंजेक्शन जप्त किये गये. वहीं संजीवनी कोविड हेल्थ सेंटर पर छापा मारे जाने के बाद इस सेंटर के संचालक डॉ. पवन दत्तात्रय मालुसरे के पास से भी रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन बरामद हुए. बता दें कि, उस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण जिला सामान्य अस्पताल द्वारा सीएस व जिलाधीश की देखरेख के तहत हुआ करता था और इस मामले में लिप्त लगभग सभी लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवा से जुडे हुए थे. जिसमें से डॉ. पवन मालुसरे तिवसा उपजिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के तौर कार्यरत था. जिसे जांच के बाद इस पूरे मामले का मास्टर माइंड माना गया. उस समय सभी आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में तो पेश किया, लेकिन उनके पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग ही नहीं की. ऐसे में न्यायालय ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजने के आदेश दिये. इन आरोपियों में से अनिल पिंजरकर की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी थी. जिसे पुलिस की निगरानी में कोरोंटाईन किया गया था. इस मामले को लेकर काफी होहल्ला मचने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की. लेकिन तब तक डॉ. पवन मालुसरे व नर्स पूनम सोनवने न्यायीक हिरासत से बाहर आकर फरार हो गये थे. वहीं अन्य आरोपियोें को पुलिस ने दुबारा गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी.
इस दौरान डॉ. पवन मालुसरे लगातार स्थानीय अदालत से अग्रीम जमानत प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था और दो दिन पहले ही उसकी अग्रीम जमानत याचिका स्थानीय अदालत द्वारा खारिज कर दी गई. इसके बाद उम्मीद जतायी जा रही थी कि, डॉ. पवन मालुसरे द्वारा नागपुर हाईकोर्ट में अग्रीम जमानत हेतु याचिका दायर की जायेगी. लेकिन आश्चर्यजनक ढंग से डॉ. पवन मालुसरे ने मंगलवार को स्थानीय अदालत के सामने पहुंचकर खुद आत्मसमर्पण कर लिया. जिसके बाद अदालत द्वारा इसकी जानकारी पुलिस को देने के साथ ही डॉ. पवन मालुसरे को न्यायिक हिरासत के तहत सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. वहीं अब मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने डॉ. पवन मालुसरे को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेने हेतु अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. जिसके तहत कल बुधवार को अदालत ने आर्थिक अपराध शाखा द्वारा अपील की जायेगी.

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