डॉ. सुनील देशमुख को दुबारा मिल सकता है सिंचाई महामंडल का जिम्मा
प्रदेश कांग्रेस में हो सकते है काफी उलटफेर
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विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठापटक
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आधा दर्जन से अधिक नेता दिल्ली ‘वारी’ पर
अमरावती/प्रतिनिधि दि.20 – इस समय प्रदेश कांग्रेस के भीतर काफी उहापोह और उठापटकवाली स्थिति देखी जा रही है तथा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की अचानक ही दिल्ली यात्राएं शुरू हो गई है. जिन्हें पार्टी आलाकमान द्वारा एक-एक कर दिल्ली बुलाया जा रहा है. ऐसे में इसे प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है और बहुत जल्द कांग्रेस के कोटेवाले मंत्रियों के नामों में कुछ फेरबदल हो सकते है.
जारी चर्चाओं के मुताबिक कांग्रेस इस समय महाविकास आघाडी सरकार में शामिल अपने दो मंत्रियों को बदलना चाहती है. जिसके तहत विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बनाये गये नाना पटोले को मंत्री बनाये जाने की चर्चा चल रही है. इसी तरह नाना पटोले द्वारा विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिये जाने के बाद से कांग्रेस के खाते में रहनेवाला यह पद अब तक रिक्त पडा है. इस पद के लिए राहत व पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार व आदिवासी विकास मंत्री के. सी. पडवी के नामों की चर्चा चल रही है. अगर इन दोनों में से किसी एक को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाता है, तब कांग्रेस का एक मंत्री पद अपने आप रिक्त हो जायेगा. जहां पर पटोले को ‘एडजेस्ट’ किया जायेगा. वहीं यदि पटोले को मंत्री बनाया जाता है, तो एक व्यक्ति-एक पद के सिध्दांत पर अमल करते हुए उन्हें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद छोडना होगा. जहां से एक नई प्रतिस्पर्धा और फेरबदल का दृश्य दिखाई देगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि, नये प्रदेशाध्यक्ष पद पर किसे मौका मिलता है.
वहीं दूसरी ओर हाल ही में भाजपा छोडकर कांग्रेस में वापिस लौटे कांग्रेस के पुराने नेता व पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख को भी संगठन में सम्मानजनक स्थान देने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि चर्चा तो डॉ. सुनील देशमुख को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने अथवा राज्य कैबिनेट में शामिल किये जाने को लेकर चल रही है. किंतु राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, करीब 12 वर्ष के अंतराल पश्चात अभी-अभी पार्टी में लौटे डॉ. देशमुख तो कांग्रेस द्वारा एकदम से इतनी बडी जवाबदारी नहीं सौंपी जायेगी, बल्कि विदर्भ के सिंचाई अनुशेष के विषय पर मजबूत पकड और गहन अध्ययन रखनेवाले डॉ. सुनील देशमुख को एक बार फिर सिंचाई महामंडल का राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त उपाध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है.
इसके अलावा राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा अमरावती जिला पालकमंत्री रहनेवाली कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष पद का जिम्मा संभाल चुकी एड. यशोमति ठाकुर भी इस समय दिल्ली में है और उन्हें कांग्रेस आलाकमान का बेहद नजदिकी भी माना जाता है. ऐसे में कयास लगाये जा रहे है कि, पार्टी हाईकमान की ओर से यशोमति ठाकुर को भी कोई ‘बडी’ जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
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मंत्री पद के लिए एनसीपी व सेना की भी लॉबींग
राकांपा नेता अनिल देशमुख तथा सेना नेता संजय राठोड द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद इन दोनों दलों के कोटे का एक-एक मंत्री पद रिक्त पडा हुआ है. ऐसे में दोनों ही पार्टीयां अपने-अपने कोटे का मंत्री पद जल्द से जल्द भरना चाहती है. जिसके चलते दोनों दलों के इच्छूक नेताओं की ओर से जबर्दस्त लॉबींग व फिल्डींग चल रही है.