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डॉ विजय वर्मा पर नागपुर के चांडक अस्पताल में उपचार जारी

राज्यमंत्री बच्चू कडू और सांसद नवनीत राणा ने जाना हालचाल

परतवाड़ा/अचलपुर दि ३१:- सामाजिक क्षेत्र में सदैव अग्रसर रहते और शहर के असंख्य मरीजो के आशा स्थान डॉ विजय वर्मा पर कल हुये कातिलाना हमले के बाद नागपुर ले जाया गया है.घर के आमने-सामने बरसो से जारी दूषित पानी बहने और कार पार्किंग को लेकर चल रहे विवाद की परिणीति कल शुक्रवार जानलेवा हमले में तब्दील हो गई.परतवाड़ा पुलिस स्टेशन से मारे एक मिनट की दूरी पर स्थित डॉ वर्मा को उन्ही के घर के सामने आरोपियो ने हमला कर लहूलुहान कर दिया.अपने पति की जान बचाने दौड़ी पूर्व नगराध्यक्ष लक्ष्मीदेवी के नारी सम्मान को धूमिल करने में भी आरोपियो ने कोई कसर नहीं छोड़ी.शुभचिंतकों ने तत्काल डॉ को स्थानीय निजी अस्पताल में भरती कराया.डॉ के बड़े पुत्र अमित और लक्ष्मीदेवी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने राहुल आखरे और दादाराव आखरे के खिलाफ भादवी 307, 354, 34 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है.दोनों आरोपियों को आज स्थानीय अदालत में पेश किया जायेगा. किसी के घर के सामने गाड़ी खड़े करना , वाहन को धोना जैसे मसले भी यूं प्राणघातक हमलो में परिवर्तित हो सकते है.
इस जानकारी से ही शहर का प्रबुद्ध वर्ग स्तब्ध है.रोटरी क्लब अचलपुर, संकल्प सेवा, हरिना नेत्रदान समिति आदि के माध्यम से डॉ विजय वर्मा का सक्रिय समाजसेवा में महत्वपूर्ण योगदान कहा जा सकता है.उनकी जनरल चिकित्सा पद्धति और डायगोनिसिस (आंकलन )के लोग मुरीद है.कम से कम फीस में उमदा इलाज के लिए विजय वर्मा को सर्वत्र जाना जाता है.
 कल शुक्रवार को इस हमले की खबर लगते ही राज्यमंत्री बच्चू कडू तत्काल वर्मा से मिलने अस्पताल पहुंचे.उन्होंने डॉ के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएंगी.सांसद नवनीत राणा ने भी वीडियो कॉल कर वर्मा से प्रत्यक्ष चर्चा की है.कल दिनभर डॉ से मिलने हेतु चाहनेवालों का तांता लगा रहा.लोगो ने उक्त हमले की तीव्र शब्दो मे भर्त्सना और निंदा की है.नगर पालिका अचलपुर की अध्यक्ष सुनीता फिस्के ने आपराधिक मानसिकता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे खूनी हमलो से पूरा शहर आहत होता है.अचलपुर की नगराध्यक्ष होने के नाते नागरिको की सुरक्षा के मद्देनजर वो अपराधियो के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करेंगी.घटना के प्रत्यक्षदर्शी अकबर मलनस ने इस घटना को दूर से ही देखा.वो जब तक डॉ की मदत को पहुंचते तब तक आरोपी फरार हो चुके थे.मलनस ने इस हमले का मुस्लिम समुदाय की ओर से निषेध करते कहा कि डॉ वर्मा यह हिन्दू-मुस्लिम समुदाय का व्यवसायिकता से परे जाकर इलाज करते है.उक्त हमला अमानवीय कृत्य है.दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी के अभय माथने ने पूरे घटनाक्रम को पुलिस की नाकामयाबी निरूपित किया है.माथने के अनुसार पुलिस प्रशासन का शहर की आपराधिक मानसिकता पर नियंत्रण नही है.कृषि मंडी के संचालक और शिवसैनिक महादेव (पोपट )घोडेराव ने इस हमले की कड़ी निंदा की है.पोपट ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि आज शहर पर पुलिस की पकड़ ढीली हो चुकी है.आपराधिक विचारधारा पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम करने चाहिए.
राजस्थानी ब्राम्हण समाज के रम्मी महाराज जोशी और नंदकिशोर पंडा ने हमले का तीखे शब्दो मे निषेध किया है.यह डॉक्टर के जीवित रहने के अधिकार का हनन है, जो पूरी तरह से अन्यायकारक है.राजस्थानी ब्राम्हण समाज की ओर से घटना का विरोध दर्शाया गया है.
भजनकार पूरण चौधरी ने अशोभनीय हरकत करार देते हुए कहा कि डॉ विजय वर्मा स्वयं मानवतावादी विचारधारा के प्रेरक है.उनकी भजन-कीर्तन में खासी रुचि रहती है, छोटे-बड़े सभी कलाकारों को वो सम्मान देते है.यह हमला नितांत अशोभनीय है जिसका जुड़वाशहर का संगीत जगत निषेध करता है.डॉ विजय वर्मा जल्द ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर अपने पैरों पर चलने लगे ऐसी माँ सरस्वती के चरणों मे प्रार्थना की जाती है. अग्रवाल पंचायत के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने उचित कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि इस हमले ने सारे शहर की सुरक्षा पर सवाल बनाया है.आम नागरिक अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगा है.माहेश्वरी समाज के सुनील बूब और राजेंद्र चांडक ने यदि समय पर कार्यवाही होती तो घटना रोकी जा सकती थी.शहर आपराधिक मानसिकता की ओर बढ रहा है.पुलिस थाने के बिलकुल करीब इतनी बडी घटना का होना पुलिस की निष्क्रियता को ही दर्शाता है.सुख्यात नेत्र चिकित्सक डॉ आशय डांगरे ने इस हमले पर चिंता प्रगट करते हुए कहा कि एक शालीन और सेवाभावी डॉक्टर पर हमला करना निंदनीय है.विकृत और आपराधिक मानसिकता से निपटने के लिए शासन को नियमो में योग्य प्रावधान करना होंगा, ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सके.डॉ शशि सुरेंद्र बरडिया ने भी हमले का निषेध करते हुए प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है.उन्होंने सेवाभावी लोगो की सुरक्षा करने में प्रशासन की कोताही पर सवाल खड़े किए.
 इस संदर्भ में एक चौकानेवाली जानकारी भी सामने आई है.मामले से संबंधित एक व्यक्ति का कविठा गावं में हुए एक हत्याकांड से संबंध होने की बात सूत्रों के हवाले से सामने आई है.बताया जाता है कि करीब 10-12 वर्ष पूर्व कविठा में किसी व्यक्ति की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी.इस इल्जाम में न्यायिक हिरासत के तहत एक आरोपी को करीब एक वर्ष तक जेल में रखा गया था.बाद में अदालत ने कविठा हत्याकांड में संबंधित को बरी भी कर दिया था.जानकर लोग डॉ वर्मा पर हमले से पूर्व भी इस प्रकार झंझट-झगड़े होने की बाते कह रहे है.

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