पीएसआई बनने का सपना अभी भी अधर में
1533 उम्मीदवारों की नियुक्ति 3 साल से प्रलंबित
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 13 – महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग व्दारा (MPSC) 2018 से 2020 इन तीन वर्षों में 1 हजार 533 पुलिस उपनिरीक्षक पद के लिए अमल में लायी गई भर्ती प्रक्रिया से अभी तक एक भी उम्मीदवार को नियुक्ति न मिलने की बात स्पष्ट हुई है.
2017 की परीक्षा में 322 उम्मीदवारों को चार साल के बाद यानी जून 2011 से नाशिक में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. इसपर परीक्षा उत्तीर्ण हुए सैकडों उम्मीदवारों को शासकीय लापरवाही के चलते कितनी राह ताकनी पडती है, यह स्पष्ट होता है. सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी पर राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से पुलिस उपनिरीक्षक पद के संदर्भ में मांगी गई जानकारी से यह सत्य उजागर हुआ है. राज्य में अनेक वर्षों से पुलिस भर्ती नहीं हुई. उसी में पुलिस उपनिरीक्षक का चयन होकर भी अनेक पद रिक्त है. गृह विभाग व्दारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘एमपीएससी’ व्दारा सरल सेवा परीक्षा 2018 से 387 सिटें, 2019 से 496 और 2020 से 650 सीटें भरने की कार्रवाई शुरु हैं. यह कुल 1 हजार 533 पद हैं. इसमें से कुछ पदों की पूर्व परीक्षा हुई है. कुछ की शारीरिक टेस्ट बाकी है. कुछ लोग प्रक्रिया पूर्ण होकर भी नियुक्ति की प्रतिक्षा में है. तीन वर्ष से परीक्षा देकर भी भर्ती न होने से अब शासन व आयोग के विरोध में आंदोलन खडे किये जा रहे है.
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राज्य के 2466 पद रिक्त
राज्य सरकार के अन्य विभाग के अनुसार गृह विभाग में भी अनेक अधिकारियों के पद रिक्त रहने की जानकारी सूचना अधिकार से प्रकाश में आयी है. विशेष यह कि पुलिस उपनिरीक्षक के 1 हजार 533 पदों को अभी भी नियुक्ति नहीं मिली. यह सच्चाई रहते समय इसके अलावा वर्तमान स्थिति में पुलिस उपनिरीक्षक के 2 हजार 466 पद भी रिक्त हैं. जिससे सरकार 2018 के उम्मीदवारों को अभी तक नियुक्ति नहीं देती है तो शेष रिक्त पद कब भरे जाएंगे, यह गंभीर प्रश्न इस जानकारी से उपस्थित हुआ है.
पुलिस उपनिरीक्षक के अनेक पद रिक्त है. इसके अलावा 2018 से परीक्षा होकर भी शारीरिक टेस्ट न होने से उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी है.
– सूरज गुज्जलवार, परीक्षार्थी व सूचना अधिकार कार्यकर्ता