चीन से कपडा खरीदकर भारी मुनाफा कमाने का सपना दिखाया
प्रेम आहुजा से पूछताछ करेगी पुलिस
-
आर्थिक अपराध शाखा जुटी जांच में, रैकेट का होगा पर्दाफाश
-
मामला कपडा व्यवसायी को सव्वा करोड से ठगने का
अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – स्थानीय रामपुरी कैम्प परिसर में रहने वाले एक कपडा कारोबारी को चीन से बडी मात्रा में कपडा लाकर उसपर भारी मुनाफा कमाने का सपना दिखाकर शहर के प्रेम आहुजा नामक व्यक्ति ने उसे एक करोड 30 लाख रुपयों से ठगा. इस मामले में प्रेम आहुजा के साथ और पांच ठगबाजों का समावेश है. छोटे व्यापारी को बडे सपने दिखाकर अपनी जाल में फांसकर उसे ठगने वाले इस गिरोह के तार पुणे तक जुटे हुए है. अब कल भी इस मामले में इस गिरोह का शिकार बने अमर आहुजा ने आयुक्तालय पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज की है. इस शिकायत पर पुलिस ने जांच पडताल आरंभ की. पुलिस का कहना है कि वे शिकायत की जांच पडताल कर शिकायतकर्ता अमर आहुजा और जिनपर आरोप किये गए, उसका मुख्य प्रेम आहुजा का बयान दर्ज करेगी. धोखाधडी के पुख्ता सबुत प्राप्त करने के बाद इस मामले में अपराध दर्ज किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार रामपुरी कैम्प परिसर में रहने वाले अमर आहुजा यह कपडा व्यवसायी है. दिसंबर 2017 में उन्होंने गुरुकृपा गारमेंट के नाम से एक छोटासा कारखाना शुरु किया था. इसी दौरान उनका परिचय अकोली रोड, साईनगर निवासी प्रेम पृथ्वीराज आहुजा के साथ हुआ. प्रेम आहुजा बडे शहरों से शहर में कपडा आयात का काम करते है. अमर आहुजा से पहचान होने के बाद दो वर्ष पहले प्रेम आहुजा ने अमर की मुलाकात नरेश चावला व राजेंद्र जगदले नामक व्यक्ति से करवाई. इस समय राजेंद्र की पत्नी भी वहां थी और कहा कि यह सभी एमजीसी इंफेक्स के निर्देशक है और वैभव जैन यह जैन ट्रेडिंग का संचालक है. वैभव जैन चीन से कपडे का माल बुलाकर भारत में उसका व्यवसाय करता है. इस धंधे में काफी मुनाफा भी होता है. इस तरह कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने का सपना अमर आहुजा को दिखाया. अमर आहुजा भी उनकी मिटी बोली को सुनकर उनके झांसे में आ गया. शुरुआती दौर में अमर आहुजा ने 5 लाख रुपए तक के ऑर्डर दिये. जो माल अमर आहुजा ने जबलपुर, अमरावती व दिल्ली के व्यापारियों को बेचा. कुछ महिनों तक लाखों की रकम में यह व्यवसाय चलते रहा. इस दौरान प्रेम आहुजा ने अमर आहुजा का विश्वास पूरी तरह से हासिल कर लिया था. उस समय भारत और चीन के संबंधों में दरार आ गई. भारत ने चीन के साथ सभी आर्थिक व्यवहार खत्म करने का विचार किया. जिसका फायदा उठाकर प्रेम आहुजा ने अमर से कहा कि अब चीन से कपडे का माल लाने का व्यवसाय बंद करना पडेगा, लेकिन जल्दी में ज्यादा रकम का माल चीन से बुलाया तो उसपर भविष्य में और ज्यादा मुनाफा कमाते आयेगा. फिर बडी रकम के लिए प्रेम आहुजा ने ही अमर को बैंक से कर्जा निकालने का रास्ता दिखाया और प्रेम आहुजा ने अमर आहुजा को फोन कर वैभव जैन व नरेश चावला से बात कराई. उस समय नरेश चावला ने अमर को मिलने के लिए पुणे में आने की बात कही. पिछले वर्ष अक्तूबर महिने में अमर आहुजा ने एनजीसी इपेक्स कार्यालय में जाकर नरेश चावला से मुलाकात की. उस समय राजेंद्र जगदाले और उसकी पत्नी भी वहां मौजूद थी. उनके रहन सहन और दिखावे से अमर आहुजा का विश्वास बैठ चुका था. उन्होंने बताया कि यह कपडा वे चीन से भारत में बुलाते है. हर कंटेनर की बुकिंग के लिए 10 लाख रुपए देने पडते है. जिसका मुनाफा 30 से 40 लाख रुपए तक होता है. तब अमर आहुजा ने इस व्यापार में कदम रखने का निर्णय लिया और अपनी संपत्ति गिरवी रखकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र से कर्जा लिया. दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 तक 7 कंटेनर बुक किये गए. जिसमें से 2 कंटेनर प्रेम आहुजा ने और 7 कंटेनर एमजीसी इंपेक्स ने बुक किये. अमर आहुजा इलाहाबाद बैंक से 22 लाख रुपए भेजे व प्रेम आहुजा को 27 लाख 90 हजार रुपए भेजे गए और कुछ रकम इसके पहले भी जमा थी, लेकिन कपडे का माल मात्र नहीं पहुंचा. उसके बाद नरेश चावला से मोबाइल पर संपर्क कर संदेश पहुंचाने की कबुली दी. उसने बताया कि 5 कंटेनर के 76 लाख रुपए जमा है और उसमें से पांचवा कंटेनर 15 अप्रैल 2021 को भारत पहुंच चुका है, लेकिन अब तक अमर आहुजा को एक भी कंटेनर नहीं मिला. वैभव जैन को 3 कंटेनर के ऑर्डर दी गई थी. जिसका पेमेंट एडवॉन्स में किया गया था. उन 3 में से 2 कंटेनर इंदौर पहुंच गए है, ऐसा बताया गया. 1 फरवरी से लेकर 23 मार्च तक 76 लाख रुपए भेजे गए. यह सभी रकम वैभव जैन को भेजी गई, लेकिन बाद में वैभव जैन ने साफ हाथ खडे करते हुए कहा कि उसे यह रकम नहीं मिली. यह सुनकर अमर आहुजा के पैरो तले की जमीन खिसक गई थी. क्योंकि सारी संपत्ति गिरवी रखकर 80 लाख रुपए की मोठी रकम वैभव जैन व नरेश चावला के पास रखी गई थी, लेकिन जब अमर आहुजा ने इस बारे में पूछताछ की तब पता चला कि आरोपी वैभव जैन, प्रेम आहुजा, नरेश चावला समेत अन्य आरोपी अमर आहुजा के नाम पर झूठे बिल व दस्तावेज बनाकर वह सारा माल बेच चुके है. इस तरह अमर आहुजा को 1 करोड 30 लाख रुपए से ठगा गया. जिसकी शिकायत अमर आहुजा ने आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज की है. अब पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है.