पुलिस आयुक्तालय के वाहन चालक कर रहे सरकारी डीजल की कालाबाजारी
सीपी ऑफिस में बेनामी खत ने मचाई खलबली
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डीसीपी के पास सौंपी गयी जांच, पांच कर्मचारियों के बयान दर्ज
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पुलिस के मोटर विभाग में बडा घोटाला उजागर होने की संभावना
अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – स्थानीय शहर पुलिस आयुक्तालय के मोटर परिवहन विभाग यानी एमटी सेक्शन में कार्यरत कुछ वाहन चालकोें द्वारा पुलिस विभाग के बडे वाहनों में भरे जानेवाले डीजल की कालाबाजारी की जा रही है, इस आशय की बेनामी शिकायत पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के पास पहुंची है. जिसके बाद सीपी डॉ. सिंह ने पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) विक्रम साली को इस मामले की जांच के आदेश दिये है और डीसीपी साली ने एमटी विभाग के पांच कर्मचारियों को अपने कक्ष में बुलाकर उनके बयान दर्ज किये है.
बता दें कि, शहर पुलिस आयुक्तालय के एमटी विभाग में वाहन चालक के रूप में कार्यरत अशोक विरूलकर द्वारा सरकारी डीजल की कालाबाजारी किये जाने से संबंधित गोपनीय व बेनामी शिकायत कुछ दिनों पूर्व पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के पास आयी थी. अशोक विरूलकर पुलिस महकमे की बडी वैन पर कार्यरत है. यह शिकायत भले ही बेनामी थी, किंतु इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए सीपी डॉ. आरती सिंह ने इसकी जांच करने के आदेश डीसीपी साली को दिये. पश्चात डीसीपी साली द्वारा वाहन चालक अशोक विरूलकर से पूछताछ किये जाने पर विरूलकर ने इन आरोपों से साफ तौर पर इन्कार किया. इसके साथ ही इसी शिकायत में एमटी विभाग के अतुल केलाई, पीएसआई ढवले, अरूण काले, विजय धुर्वे व योगेश गिरासे का भी नाम लिखा गया है और कहा गया है कि, ये सभी वाहनचालक पुलिस विभाग के बडे वाहनों में सरकारी कोटे का डीजल भरने के बाद लॉगबुक में गश्त की फर्जी जानकारी दर्ज करते है और इस डीजल को हाईवे पर निजी वाहनों को बेचा जाता है. साथ ही कई लोग यह डीजल अपने निजी वाहनों में भी भरते है. ऐसे में डीसीपी साली ने गत रोज इन सभी कर्मचारियों को ‘ओआर’ में बुलाकर उनके बयान दर्ज किये. हालांकि अब तक किसी भी कर्मचारी पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ है. किंतु यह तय है कि, बहुत जल्द पुलिस आयुक्तालय के एमटी विभाग में एक बडा घोटाला सामने आ सकता है.