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मंदिर बंद रहने से पुजारियों पर भूखमरी की नौबत

अखिल गुरव समाज संगठन का मुख्यमंत्री को ज्ञापन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१ – अखिल गुरव समाज संगठन की ओर से अपनी विविध मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री को आज निवेदन भेजा गया. निवेदन में बताया गया कि आरक्षण गुरव समाज की जनसंख्या ३० लाख के आसपास है. सभी लोग उपेक्षित व बुरे दौर से गुजर रहे है. इनमें अधिकांश भगवान की पूजा करनेवाले पुजारियों का समावेश है. कोरोना काल में इन सभी को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना विपदा के दौर में राज्य के सभी मंदिर बंद है. ऐसे में पुजारियों पर भूखमरी की नौबत आन पड़ी है.
इस स्थिति में सरकार की ओर से राज्य के गुरव समाज को आर्थिक सहायतादी जाए. अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा ईनाम वर्ग-३ कसनेवालों के नाम पर दी जाए. ईनाम वर्ग-३ जमीन पर फसल कर्ज उपलब्ध कराए. परंपरागत पूजा अर्चना व उत्पन्नता अधिकार कायम रखा जाए. गुरव समाज नवयुवक, युवती, महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाए, प्रत्येक जिले स्थल पर छात्रावास के लिए जगह व निधि उपलब्ध कराई जाए. सभी देवस्थान ट्रस्ट में गुरव समाज को ५० फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाए. गुरव समाज की सुरक्षा के लिए एट्रासिटी एक्ट कानून को लागू किया जाए. बेल फूल अर्पित करनेवाले व वाद्य काम करनेवाले समाज बंधुओं को मदद की जाए. ६० वर्ष से अधिक आयु समूह के पुजारियों का निर्वाह भत्ता दिया जाए. यह मांग की गई. इन मांगों की पूर्तता नहीं करने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. अन्ना साहब शिंदे के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा. निवेदन सौंपते समय अमोल कपले, विलास आरोकार, पियूश सातोकर, गौरव बढ़े, विवेक मोरे, वैशाली अरोकार, प्रवीण शेगोकार मौजूद थे.

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