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गोबर खाद को मिल रहा सोने का दाम, जिले में मांग बढी

अमरावती/प्रतिनिधि/दि.९ – इस समय अमरावती जिले में कई स्थानों पर सेंद्रीय खेती की जा रही है और रासायनिक खाद में हुई दरवृध्दि की वजह से गोबरखाद के दाम भी बढ गये है. साथ ही साथ मांग बढने की वजह से गोबरखाद मिलना भी काफी मुश्किल हो चला है.
उल्लेखनीय है कि, रासायनिक खादों की वजह से जमीन की उर्वरक क्षमता कम होने का खतरा बढ गया है. ऐसे में जिन किसानों द्वारा जानवर नहीं पाले जाते, ऐसे किसान यदि अपने खेत में उत्पादित होनेवाले सोयाबीन व कपास सहित अन्य फसलों के अवशेष को जलाने की बजाय किसी एक स्थान पर गढ्ढा खोदकर उसमें सडने के लिए छोड देते है, तो अपने आप ही जैविक खाद उपलब्ध हो सकती है. इसके अलावा पशुपालन करनेवाले किसानों द्वारा अपने मवेशियों के गोबर को एक जगह पर जमा करते हुए सूखाने के बाद भी बडे पैमाने पर जैविक खाद उपलब्ध हो सकती है. इन दिनों एक ट्रॉली गोबर खाद 5 से 6 हजार रूपये के दाम में उपलब्ध है. विगत कई वर्षों से किसान अब रासायनिक खादों की बजाय गोबरखाद व जैविक खाद पर ही विशेष जोर दे रहे है. लेकिन इन दिनों यह खाद लदाई और ढुलाई की वजह से काफी महंगी पड रही है. ऐसे में अपने-अपने खेत में ही गोबरखाद के साथ-साथ जैविक खाद व केचुआ खाद तैयार करना फायदेमंद हो सकता है. ऐसी जानकारी जिला कृषि अधिक्षक अधिकारी विजय चवाले ने दी है.

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