कोरोना काल में ५९८ परिवारों ने लिया नेत्रदान का संकल्प
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वर्ष २०१९-२० में १२२३ परिवारों ने किया था संकल्प
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१२८ लोगों के कराये गये नेत्रदान
अमरावती प्रतिनिधि/दि. २४ – देश में प्रतिवर्ष २५ अगस्त से ८ सितंबर तक नेत्रदान (Eye donation) पखवाड़े का आयोजन किया जाता है. नेत्रदान पखवाडे का आयोजन का एकमात्र उद्देश्य यह है कि जिन लोगों के जीवन में अंधेरा है. उन लोगों के अंधेरे जीवन में रोशनी लाना है. नेत्रदान यह एक सर्वश्रेष्ठ दान कहलाता है.
मृत्यु के पश्चात परिवार के लोग मृतक के शरीर को या तो अग्नि दान या जमीन दान कर देते है. लेकिन अग्नि दान और जमीन दान से पहले अगर हम मृतक की आँखे उसकी इच्छा के अनुसार किसी जीवित नेत्रहीन को दान करके उसके जीवन में जो अंधेरा बना हुआ है वह दूर कर दे तो वह मृतक व्यक्ति अपनी दान की हुई आँखों से इस दुनिया को देख सकता है. इसलिए हम कह सकते है कि वह व्यक्ति हमेशा के लिए हमारे बीच इस दुनिया में जीवित रह सकता है. मरने के बाद हमारी दोनों आंखे जो जलकर खाक हो जाती है वे ही आंखे यदि किसी व्यक्ति की जिन्दगी में रोशनी भर सकती है तो यह सबसे फायदेमंद सौदा है.
अमरावती शहर में ऐसे परिवार है जिन्होंने नेत्रदान का संकल्प लिया है. वर्ष २०१९-२० में १ हजार २२३ परिवारों ने नेत्रदान का संकल्प लिया है. इनमें से १२८ परिवारों ने अपने घर के मृत सदस्यों की आंखे डोनेट कराने का काम पूरा किया है. इन १२८ परिवारों के मृत सदस्यों की आंखे उन नेत्रहीन लोगों के जीवन में उजाला बनकर आयी है. जिनकी जिंदगी में रोशनी का नाम नजर नहीं आ रहा था. इस संबंध में इर्विन अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ ने डॉ. संतोष गावंडे ने बताया कि समाज में जैसे-जैसे लोगों के बीच नेत्रदान को लेकर जनजागृति की जारही है. वैसे-वैसे परिवार नेत्रदान को लेकर आगे आ रहे है. हालाकि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते नेत्रदान का संकल्प लेेनेवाले परिवारों के आकड़ों में कमी आयी है.इस वर्ष कोरोना काल में वर्ष २०२०-२१ के लिए केवल ५९८ परिवारों ने ही नेत्रदान कराने का संकल्प लिया है. कोरोना महामारी की चपेट में पूरे शहरवासी हैे इस आपदा के दौर में भी अधिकांश लोगों ने नेत्रदान का संकल्प लिया है. वह काबिले तारीफ है. उन्होंने बताया कि नेत्रदान को लेकर प्रशासन की ओर से लगातार जनजागृति भी की जा रही है. जिसे शहरवासियों का बेहतर प्रतिसाद भी मिल रहा है. शहर के अनेको परिवार अब आगे आकर नेत्रदान कराने का संकल्प लिया है.