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पूर्व सरन्यायाधीश शरद बोबडे को मातृशोक

नागपुर/दि.२८ – सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व सरन्यायाधीश शरद बोबडे की मातोश्री व राज्य के दो बार महाअधिवक्ता रह चुके दिवंगत विधिज्ञ अरविंद बोबडे की धर्मपत्नी मुक्ता बोबडे का मंगलवार की तड़के आकाशवाणी चौक स्थित घर में अल्प बीमारी के चलते निधन हो गया. वे ९६ वर्ष की थीं. उनका बीते कई महीनों से घर में ही मेडिकल उपचार चल रहा था. लेकिन उन्होंने सोमवार से उपचार को प्रतिसाद देना बंद कर दिया था. इसी दरम्यिान मध्यरात्रि में तबीयत अधिक खराब हो जाने के बाद उनका देहांत हो गया. वे गृहणी थी. बोबडे परिवार का वे मजबूत आधार थी. पूर्व सरन्यायाधीश शरद बोबडे की सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा. शरद बोबडे को सरन्यायाधीश पद की शपथ दिलाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में वे प्रमुखता से मौेजूद थीं. शरद बोबडे भी शपथ लेने के बाद सबसे पहले उनके सामने नतमस्तक हुए थे. मुक्ता बोबडे के पार्थिव पर मोक्षधाम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. इस समय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूतिर्र् भूषण गवई, मुंबई उच्च न्यायालय नागपूर खंडपीठ के न्या. सुनील शुक्रे, न्या. रोहित देव, न्या. अनिल किलोर, पूर्व न्या. रवी देशपांडे, पूर्व न्या. झेड. ए. हक आदि उपस्थित थे.

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