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3.39 करोड के कमीशन घोटाले का मामला
अमरावती/प्रतिनिधि दि.18 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा म्युच्युअल फंड में किये गये 700 करोड रूपयों की ऐवज में अदा हुए 3 करोड 39 लाख रूपयों के कमीशन घोटाला मामला अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के कानों तक जा पहुंचा है. जिसके चलते ईडी के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जिला बैंक पर प्रशासक नियुक्त जिला उपनिबंधक संदीप जाधव से इस मामले के सभी दस्तावेज मांगे गये है. इस बात की पुष्टि खुद डीडीआर संदीप जाधव ने की है.
बता दें कि, किसानों की अपनी बैंक कही जानेवाली दि. अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा अपने पास अतिरिक्त रहनेवाली करीब 700 करोड रूपयों की धनराशि को ब्याज व लाभ अर्जीत करने की दृष्टि से म्युच्युअल फंड में निवेश किया गया था. यह निवेश नियमानुसार बैंक द्वारा खुद म्युच्युअल फंड कंपनी में किया जाना था और इसमें किसी तरह की कोई ब्रोकरशिप नहीं होनी चाहिए थी. किंतु बैंक के कुछ अधिकारियों व म्युच्युअल फंड एजेंटों की आपसी मिलीभगत के चलते यह राशि ब्रोकरशिप के जरिये निवेशित की गई और इसमें म्युच्युअल फंड कंपनी द्वारा 3 करोड 39 लाख रूपयों का कमिशन अदा किया गया. जिसे इस घोटाले में शामिल लोगों ने आपस में बांट लिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बैंक की चुनावी प्रक्रिया शुरू करने हेतु बैंक के संचालक मंडल को बर्खास्त कर जब यहां पर प्रशासक की नियुक्ति हुई, तब बैंक के व्यवहारों व दस्तावेजों की जांच-पडताल करने पर यह मामला सामने आया. जिसके बाद बैंक पर प्रशासक नियुक्त डीडीआर संदीप जाधव ने इस मामले को लेकर सिटी कोतवाली थाना पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और पुलिस द्वारा बैंक के तत्कालीन सीईओ जे. एस. राठोड सहित चार कर्मचारियों तथा म्युच्युअल फंड कंपनी के स्थानीय शाखा प्रबंधक अजीतपालसिंह मोंगा एवं पांच म्युच्युअल फंड ब्रोकर ऐसे कुल 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. साथ ही मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा के सुपुर्द की गई थी. अभी विगत दिनों ही आर्थिक अपराध शाखा ने जिला उपनिबंधक कार्यालय के मार्गदर्शन में बैंक के व्यवहारोें का फॉरेन्सीक ऑडिट करने हेतु एक तटस्थ ऑडिट एजेन्सी को नियुक्त किया है. वहीं अब इस मामले में ईडी की एंट्री हो गई है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों ईडी का नाम काफी चर्चा में है और पहली बार अमरावती शहर से वास्ता रखनेवाले किसी मामले में ईडी की एंट्री होने जा रही है.