पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के घर पर ईडी का छापा
मुंबई स्थित घर पर पहुंचा ईडी का पथक
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छापा पडते ही आनंदराव अडसूल की तबियत बिगडी अस्पताल में कराया गया भरती
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ईडी ने अडसूल पिता-पुत्र को जारी किया समन्स
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सिटी सहकारी बैंक घोटाला मामले में विधायक रवि राणा ने की थी शिकायत
मुंबई/दि.27 – शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के मुंबई के कांदिवली स्थित निवास स्थान पर सोमवार की सुबह 8 बजे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा छापा डाला गया. जिसके तुरंत बाद पूर्व सांसद अडसूल की तबियत बिगड गई और उन्हें एम्बुलन्स के जरिये गोरेगांव स्थित लाईफ लाईन मेडिकेयर अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर उनके पुत्र तथा पुर्व विधायक अभिजीत अडसूल भी अपने पिता के साथ मौजूद थे. सिटी को-ऑपरेटीव बैंक में 980 करोड रूपयों का घोटाला होने के मामले को लेकर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर ईडी ने आनंदराव अडसूल व उनके पुत्र अभिजीत अडसूल को समन्स जारी करते हुए पूछताछ हेतु प्रत्यक्ष उपस्थित रहने का आदेश भी दिया है. साथ ही अडसूल के कांदिवली परिसर स्थित निवास पर सुबह 8 बजे से छापे की कार्रवाई भी शुरू की है. जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम सुबह 6 बजे के आसपास कांदिवली पूर्व स्थित आनंदराव अडसूल के ‘कदमगिरी’ निवास पर पहुंची. जहां पर करीब चार घंटे तक आनंदराव अडसूल से पूछताछ की गई. इसी दौरान आनंदराव अडसुल की तबियत बिगड गई और उन्हें तुरंत अस्पताल में भरती कराना पडा.
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क्या है मामला
इस विषय को लेकर विधायक रवि राणा द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक आनंदराव अडसूल ने सिटी को-ऑपरेटीव बैंक का अध्यक्ष रहते समय अपने कार्यकाल में 980 करोड रूपये का भ्रष्टाचार किया. इस दौरान बैंक में करीब 9 हजार खाताधारकों द्वारा अपने गाढे-पसीने की कमाई को जमा रखा गया था. किंतु पूर्व सांसद अडसूल ने संचालक मंडल में अपने रिश्तेदारों को शामिल करते हुए खातेदारों का पैसा अवैध तरीके से बिल्डरों को बांटा. जिसमें अडसूल द्वारा 20 फीसद कमीशन लिया गया. लेेकिन इसकी वजह से बैंक डूब गई और हजारों खातेदारों के मेहनत का पैसा भी डूब गया. विधायक राणा का आरोप है कि, इस मामले में दो वर्ष पहले एफआईआर दर्ज की गई थी. किंतु चूंकि इस समय राज्य में शिवसेना के पास मुख्यमंत्री पद है. अत: पुलिस द्वारा इस मामले की जांच नहीं की गई. लेकिन अब ईडी में शिकायत दर्ज होने के बाद ईडी ने अडसूल पिता-पुत्र को समन्स जारी करते हुए जांच व पूछताछ हेतु प्रत्यक्ष उपस्थित रहने के लिए कहा है. साथ ही अडसूल के घर पर छापामार कार्रवाई भी की है.
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आम मुंबईकर के गाढे पसीने की कमाई लूटी गई
विधायक राणा के मुताबिक मुंबई शहर में सिटी को-ऑपरेटीव बैंक की 14 शाखाएं है. जिसमें 90 फीसद खाताधारक मुंबई के मराठी बांधव है. जिनमें गिरणी कामगार, डब्बावाले, पेन्शनधारक, वेतन धारक एवं सर्वसामान्य लोगों का समावेश है. लोगों ने अपने बच्चों की पढाई-लिखाई व विवाह सहित अपने सुरक्षित भविष्य के लिए बैेंक में पैसा जमा कराया था. किंतु तीन वर्ष पहले अचानक सिटी बैंक डूब जाने की खबर उडाई गई. तब से लोगबाग लगातार अपने पैसों के लिए चक्कर काट रहे है. साथ ही कई लोगों की जान भी गई है. इस बैंक की पांच-छह शाखाओं की संपत्ति अडसूल के बेटे व दामाद के नाम पर है. जिसे बैंकों को ही किराये पर दिया गया है. साथ ही बिल्डर लॉबी से मोटा कमीशन लेते हुए अनाप-शनाप कर्ज वितरित किया गया. जिसकी वजह से 980 करोड रूपयों का पूंजी निवेश रहनेवाली बैंक डूब गई. किंतु बावजूद इसके मुंबई पुलिस द्वारा मामले की गंभीरतापूर्वक जांच नहीं की गई. जिसकी वजह से अब मामले की शिकायत ईडी से की गई है और ईडी द्वारा अपनी जांच शुरू की गई है. ज्ञात रहे कि इससे पहले भी ईडी द्वारा पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल, पूर्व विधायक व बैंक के संचालक अभिजीत अडसूल तथा उनके दामाद के घर व कार्यालय में छापा मारकर जांच-पडताल की गई थी.
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जाती वैधता मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास
वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल द्वारा अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि, सिटी बैंक का कुल आर्थिक लेन-देन ही 800 करोड रूपयों का था. ऐसे में 980 करोड का घोटाला कैसे हो सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि, आज सुबह ईडी के अधिकारी उनके घर पर आये थे और उन्हें जांच हेतु ईडी कार्यालय में उपस्थित रहने का समन्स दिया गया. इसमें छापा पडने जैसी कोई बात नहीं थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, उन्होंने अमरावती जिले की सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी थी तथा हाईकोर्ट ने सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को खारिज कर दिया था. वहीं उन्होंने नागपुर हाईकोर्ट में नवनीत राणा के निर्वाचन को चुनौती दे रखी है. जिस पर जल्द ही सुनवाई होनेवाली है. साथ ही इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. ऐसे में ‘उपर’ तक पहुंच रखनेवाले राणा दम्पत्ति द्वारा अपने ‘उंचे’ संपर्कों का फायदा उठाते हुए उनके खिलाफ ईडी का दुरूपयोग किया जा रहा है. यहीं वजह रही कि, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही ईडी की ओर से पहला समन्स भेजा गया था. साथ ही जब-जब हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट में फर्जी जाति प्रमाणपत्र से संबंधित मामले की सुनवाई की तारीख पडती है, तब-तब राणा दम्पत्ति द्वारा सिटी बैेंक के मामले को हवा दी जाती है.
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कोई छापा या कोई गिरफ्तारी नहीं
वहीं पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के पुत्र व पुर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने बताया कि, उनके पिता को ब्लड प्रेशर व शूगर संबंधी शिकायत है. जिसके लिए अक्सर उन्हें अस्पताल में भरती कराना पडता है. आज सुबह भी उन्हें अचानक कुछ अस्वस्थ महसूस हुआ. जिसके बाद उन्हें गोरेगांव स्थित अस्पताल में भरती कराया गया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ईडी द्वारा उनके मुंबई अथवा अमरावती स्थित घर पर कोई छापा नहीं मारा गया है तथा उनके पिता की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. बल्कि सोमवार की सुबह ईडी के अधिकारी उनके घर पर केवल समन्स देने हेतु आये थे.