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लगातार जारी है जीवनावश्यक वस्तुओं में दरवृध्दि
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१९ – गत वर्ष दीपावली पर्व के बाद से खाद्य तेलों के दामों में लगातार वृध्दि होना जारी है और जारी माह के दौरान भी खाद्य तेलों की दरों में प्रति किलो 20 से 25 रूपये का इजाफा हुआ है. इस समय सोयाबीन तेल 150 रूपये प्रति किलो, फल्ली तेल 200 रूपये प्रति किलो तथा सनफ्लावर तेल 190 रूपये प्रति किलो के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचे है. साथ ही साथ अब अन्य किराणा माल व अनाज के दामों में भी वृध्दि होती दिखाई दे रही है. जिसकी वजह से कोविड संक्रमण के चलते पहले ही आर्थिक रूप से बेजार हो चुके गरीब एवं सर्वसामान्य वर्ग के लोगों हेतु दो वक्त के भोजन का जुगाड करना भी महंगा सौदा साबित होने लगा है.
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ऐसे बढे खाद्य तेल के दाम
तेल जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल
सनफ्लावर 152 150 175 190
सोयाबीन 115 120 142 150
फल्ली तेल 155 170 190 200
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अनाज में भी दरवृध्दि
गरमी के मौसम के दौरान साग-सब्जियों की आवक में काफी हद तक कमी होती है. ऐसे में गृहिणियों द्वारा कडधान्य से काम चलाया जाता है. किंतु इन दिनों इन जिनसों के दामोें में भी वृध्दी देखी जा रही है. इस समय मोट 110 रूपये किलो, चना 85 रूपये किलो, बरबटी 120 रूपये किलो के दाम पर पहुंच गयी है. जबकि पिछले माह तक मोट और बरबटी के दाम 80 से 85 रूपये प्रति किलो के आसपास थे.
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दालों के भाव स्थिर
पिछले दो महिने से तुअर दाल के दाम लगातार बढ रहे है, जो अप्रैल माह में 110 रूपये प्रति किलो की दर पर स्थिर है. वहीं चना दाल के दाम में 5 रूपये प्रति किलो की वृध्दि हुई और इस समय चनादाल 85 रूपये प्रति किलो की दर पर बिक रही है. वहीं मूंगदाल 110 रूपये प्रति किलो व उडद दाल 115 रूपये प्रति किलो की दर पर बिक्री हेतु उपलब्ध है. गरमी के मौसम में मूंग मोगर व उडद मोगर की मांग अधिक होती है और इस समय फूटकर बाजार में मूंग मोगर व उडद मोगर 115 से 120 रूपये प्रति किलो के दाम पर बिक रही है. वहीं शक्कर के दाम पूरी तरह से स्थिर है.
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नया गेहू आया बाजार में, दामों में हलकी वृध्दि
इस समय बाजार में नये गेहू की आवक होनी शुरू हो गयी है. अमूमन नये गेहू की आवक होते ही गेहू के दामोें में कुछ कमी देखी जाती है. किंतु इस वर्ष लोगबाग बडे पैमाने पर गेहू की खरीदी कर रहे है, क्योेंकि उन्हें अंदेशा है कि, संभवत: आनेवाले दिनों में कडा लॉकडाउन लग सकता है. ऐसे में इस बार नये गेहू की आवक होने के बावजूद कीमतें कम होने की बजाय कीमतों में हलकी वृध्दि दिखाई दे रही है.