नववर्ष पर डफरीन में खिली आठ जिंदगियां
पहली सुबह हुआ पांच बच्चों व तीन बच्चियों का जन्म
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सभी जच्चा-बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१ – यह नववर्ष अमरावती के कुछ परिवारों के लिए एक विशेष तरह की सौगात लेकर आया है. जिनके यहां नववर्ष के पहले दिन नये सदस्य के तौर पर नन्हे मेहमानों की आमद हुई. स्थानीय जिला स्त्री अस्पताल यानी डफरीन हॉस्पिटल में 31 दिसंबर व 1 जनवरी की दरम्यानी रात 12 बजे के बाद से 1 जनवरी की दोपहर 12 बजे तक कुल 8 बच्चों ने जन्म लिया. जिनमें 5 लडकों व तीन लडकियों का समावेश रहा. ये सभी नवजात बच्चे एवं उनकी नवप्रसूता माताएं पूरी तरह से स्वस्थ व सुरक्षित है और डफरीन अस्पताल के चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ की देखरेख में है. नये साल के पहले दिन अपनी गोद में चहक रही सौगात को देखकर इन माताओं सहित संबंधित परिजनों के चेहरे पर हर्ष एवं खुशी देखी जा रही है.
स्थानीय जिला स्त्री अस्पताल की वैद्यकीय अधिक्षिका विद्या वाठोडकर एवं वैद्यकीय निवासी अधिकारी डॉ. मंगला गहरवाल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नये वर्ष की पहली सुबह डफरीन अस्पताल प्रसूति हेतु भरती आठ गर्भवति महिलाओं की प्रसूति हुई तथा पांच लडकों व तीन लडकियों ने जन्म लिया. जिस समय तमाम लोगबाग नववर्ष का जश्न मना रहे थे, उस समय डफरीन अस्पताल के चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ अपने यहां प्रसूति हेतु भरती गर्भवति महिलाओें की तिमारदारी करने और उनकी प्रसूति करवाने के काम में पूरे समर्पण भाव के साथ लगे हुए थे. जिनमें वैद्यकीय अधिकारी व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अरूणा सालुंखे, डॉ. संध्या खराले, डॉ. सुषमा शेंद्रे, अधिसेविका माया चौहान, ओटी इंचार्ज श्रीमती दुधे, लेबर रूम इंचार्ज श्रीमती आसोलकर, माला डोहे, बबीता बागडे, मीना बागडे एवं वॉर्ड नर्स इंचार्ज शालु ठाकुर आदि का समावेश रहा.
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11 माह में हुई 7748 प्रसूतियां
-3170 सिझेरियन हुए
-3669 कन्याएं जन्मी
जानकारी के मुताबिक जिला स्त्री अस्पताल में गत वर्ष जनवरी से नवंबर के दौरान 11 माह में कुल 7748 बच्चों का जन्म हुआ. जिनमें कोरोना काल के दौरान जन्मे 6252 बच्चों का समावेश है. बता दें कि, समूचे देश की तरह अमरावती में भी मार्च माह के दौरान कोरोना प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिये गये थे और अप्रैल माह में अमरावती में कोरोना का पहला संक्रमित मरीज मिलने के साथ ही संक्रमण का खतरा फैलना शुरू हो गया था. ऐसी स्थिति के बावजूद जिला सामान्य अस्पताल द्वारा तमाम तरह की ऐहतियात बरतते हुए अपने यहां भरती होनेवाली गर्भवति महिलाओं का इलाज करते हुए उनकी सुरक्षित प्रसूति करवायी गयी. इसमें से 3 हजार 170 महिलाओं का सीझेरियन करना पडा. वहीं अन्य गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलेवरी हुई. इन सभी जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य अब बेहद ठीक है, ऐसी जानकारी है.
जिला सामान्य अस्पताल में कोरोना काल के समय प्रसूति हेतु भरती होनेवाली महिलाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ था. क्योेंकि उस समय कई निजी अस्पतालों द्वारा अपनी सेवाएं बंद कर दी गई थी, लेकिन हमने अपने यहां भरती होनेवाली हर एक महिला की सुरक्षित प्रसूति करवायी. साथ ही उन्हें कोरोना के संक्रमण से मुक्त रखने हेतु भी विशेष प्रबंध किये.
– डॉ. विद्या वाठोडकर
वैद्यकीय अधिक्षक
जिला स्त्री अस्पताल
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बीते वर्ष हुई प्रसूती एवं जन्म के आंकडे
– महिना -जन्म – सिझेरियन -लडके – लडकियां
जनवरी 779 323 411 350
फरवरी 675 298 351 356
मार्च 675 287 331 329
अप्रैल 662 280 348 301
मई 600 272 301 276
जून 603 264 304 289
जुलाई 605 249 303 283
अगस्त 719 269 359 343
सितंबर 805 286 377 388
अक्तूबर 842 341 431 392
नवंबर 741 301 369 362
कुल 7748 3170 3885 3669