फेसबुक फ्रेंडस् के चक्कर में बुजुर्ग ने गवाये 56 लाख रूपये
25 करोड रूपये मिलने का दिया गया था झांसा
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एक नाईजेरियन सहित दो आरोपी पुलिस की हिरासत में
अकोला/प्रतिनिधि दि.९ – एक सेवानिवृत्त अधिकारी को फेसबुक फ्रेंडशिप करना काफी महंगा साबित हुआ है, क्योंकि इस अधिकारी को उसके फेसबुक फे्ंरड ने 25 करोड रूपये का ‘गिफ्ट’ भेजने का लालच दिखाते हुए महज पंद्रह दिन में करीब 56 लाख रूपये से ठग लिया. मामले की जानकारी मिलते ही अकोला जिला साईबर सेल पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए एक नाईजेरियन युवक सहित बंगलुरू निवासी युवक को हिरासत में लिया है. वहीं अन्य आरोपी की सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक सरकारी सेवा से निवृत्त हुए लहरिया नगर निवासी आत्माराम रामभाउ शिंदे ने फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाने के साथ ही कई जाने-अनजाने लोगों को फे्ंरड रिक्वेस्ट भेजी. जिसे एक्सेपट करते हुए ठगबाजों ने उनके साथ मैसेंजर के जरिये बातचीत करनी शुरू की और आत्माराम शिंदे को उनके फेसबुक फ्रेंड ने बताया कि, वह अमरीकी सेना में कार्यरत है और फिलहाल इजराईल में पदस्थ है. उसके पास 25 करोड रूपयों से भरी एक पेटी है, जिसे वह अमरीका लेकर नहीं जा सकता. ऐसे में यदि शिंदे कुछ टैक्स अदा करे, तो 25 करोड रूपयों की रकम वह उन्हें दे सकता है. इसके बाद आत्माराम शिंदे उस व्यक्ति के झांसे में आ गये और उन्होंने लालच में फंसकर विभिन्न राज्यों के बैंकों में करीब 56 लाख रूपये जमा करवाये. जिसे ठगबाजों द्वारा निकाल भी लिया गया. पश्चात अपने साथ जालसाजी होने की बात ध्यान में आने पर शिंदे ने तुरंत खदान पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज करायी और पुलिस ने दफा 420 व 34 के तहत अपराध दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की. साथ ही इस मामले में नाईजेरियन निवासी हरिसन इंगोला (डेल्टा सिटी, नाईजेरिया) को मुंबई से गिरफ्तार किया गया. वहीं बंगलुरू निवासी नसीमउद्दीन को भी पकडा गया.
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ऐन समय पर 35 लाख रूपये बचे
आत्माराम शिंदे की पत्नी के इलाज हेतु उनके बेटा-बेटी मुंबई गये हुए थे और शिंदे घर में अकेले ही थे. इस समय उनका पूरा समय सोशल मीडिया पर बीतता था और वे ठगबाजों के जाल में फंस गये. 56 लाख रूपये अदा करने के बाद शिंदे से अंतिम चरण में 35 लाख रूपये की मांग की गई थी और वे यह रकम अदा करने के लिए तैयार भी थे. किंतु इसी दौरान शिंदे की पत्नी तथा बेटा-बेटी मुंंबई से वापिस लौट आये. जिन्हें शिंदे ने बताया कि, उन्हें जल्द ही 25 करोड रूपये मिलनेवाले है. पूरा माजरा समझ में आते ही शिंदे को उनकी पत्नी व बेटा-बेटी ने समझाया और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. जिसके चलते ऐन समय पर शिंदे के 35 लाख रूपये बच गये.
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संभाषण होता था मराठी में
शुरूआती दौर में ठगबाजों द्वारा शिंदे से अंग्रेजी में बातचीत की जाती थी. लेकिन उन्होंने जैसे ही रकम जमा करने की तैयारी दर्शायी. वैसे ही अगला पूरा संवाद मराठी में होना शुरू हो गया. अगले ही दिन शिंदे को पुणे से एक ठगबाज ने फोन कॉल किया और पूरी बातचीत मराठी में करते हुए उन्हें रकम कब, कैसे और वह किस खाते में जमा करना है, इसके बारे में जानकारी दी.
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विदेश व अन्य राज्यों तक फैले हैं रैकेट के तार
नामजद किये गये आरोपियों में रैपगस्ट सुजी, रिधी गुप्ता (आनंदपुर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल), आशिषकुमार (कैनरा बैंक, नई दिल्ली), नसीमउद्दीन (राजाजी नगर, बंगलुरू), सीबानु कायपेंग (पेरांबूर, केरल), इमरान हुसैन (बंगलुरू), सोबीनोय चकमा (जमना नगर, गुजरात), रमलज्योती चकमा (एम. जी. रोड, बंगलुरू), अशोक (दिल्ली) व एंथोनी (सीरिया) का समावेश है. इससे साफ है कि, ठगबाजों का यह रैकेट देश के विभिन्न प्रांतों सहित विदेशों तक फैला हुआ है.