परिमंडल के आठ हजार किसानों का 5 करोड का बिजली बिल हुआ माफ
महावितरण ने किया कृषि नीति में सभी बकायदार ग्राहकों से शामिल होने का आवाहन
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२० – महावितरण अमरावती परिमंडल के 8 हजार 403 किसानों का 5 करोड 36 लाख रूपयों का बिजली बिल माफ किया गया है. उनको यह माफी महावितरण के महाकृषि उर्जा नीति अंतर्गत सहभाग लेने पर मिला है. इसके अलावा यह ग्राहक बिजली बिल के बकाये से भी मुक्त हुए है. इसलिए परिमंडल के सभी बकायेदार ग्राहकों से महावितरण कृषि नीति में शामिल होकर 845 करोड की माफी सहित बकाया मुक्त होने का आवाहन अमरावती परिमंडल की मुख्य अभियंता सुचित्रा गुजर ने किया है.
यहां बता दें कि, ब्याज व विलंब शुल्क के 100 फीसदी माफी सहित सुधारित बकाया 50 फीसदी माफ रहनेवाले इस नीति का लाभ परिमंडल के 2 लाख 57 हजार 577 ग्राहकों को होनेवाला है. इन ग्राहकों के पास रहनेवाले कुल 2758 करोड बकाये में से ब्याज व विलंब शुल्क में 1 हजार 67 करोड 47 लाख रूपयों की छूट महावितरण की ओर से दी गई है. इसके अलावा पहले वर्ष परिमंडल के ग्राहक कृषि नीति में शामिल हुए है, तो उनको 1690 करोड के मूल बकाये पर 50 फीसदी छूट दी जायेगी. जिससे परिमंडल के ग्राहकों को 845 करोड की माफी मिलेगी. इतना ही नहीं तो ग्राहकों को बकाया मुक्ति होने पर सम्मानित भी किया जायेगा.
अमरावती परिमंडल में अब तक 8405 ग्राहक इस योजना में शामिल हुए है, उनको इस नीति के अनुसार ब्याज व विलंब शुल्क छोडकर केवल अपनी मूल बकाये में से 50 फीसदी यानी 5 करोड 36 लाख रूपये भरने पर उनको तत्काल 5 करोड 36 लाख रूपयों की माफी दी गई है. इसके अलावा इस नीति अंतर्गत चालू बिजली बिल भरना अनिवार्य रहने से इन बकायादार ग्राहकों को 2 करोड 92 लाख रूपयों के कृषि पंप के चालू बिल भरकर बिजली बिल कोरा कर लिया है. राज्य के महावितरण के चारों प्रादेशिक विभाग में महावितरण के कृषि नीति का सबसे ज्यादा माफी का लाभ पश्चिम महाराष्ट्र के किसानों ने लिया है. इस नीति अंतर्गत पुणे विभाग में 1 लाख 30 हजार 843 ग्राहकों की ओर से 226 करोड रूपयों का भुगतान किया गया है. वहीं दूसरा सबसे ज्यादा लाभ लेनेवाला कोंकण विभाग है. इस विभाग के 2 लाख 46 हजार 639 ग्राहकों की ओर से 158 करोड रूपयों का भुगतान किया गया है. इसके बाद 93 करोड रूपयों का भुगतान औरंगाबाद विभाग के 1 लाख 82 हजार ग्राहकों की ओर से किया गया है. नागपुर विभाग में अब तक 67 हजार 618 किसानों की ओर से 53 करोड रूपयों का भुगतान किया गया है.