नागपुर/प्रतिनिधि दि.20 – विशेष कानूनों के अंतर्गत सजा प्राप्त कैदियों को आपातकालीन पैरोल नहीं दी जा सकती. ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्तिद्वय विनय देशपांडे व अमित बोरकर द्वारा एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया गया.
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम यानी मोक्का के विशेष कानून अंतर्गत सजा प्राप्त कैदी दीपक आवले ने कोविड संक्रमण के चलते आपातकालीन पैरोल दिये जाने का निवेदन किया था. किंतु हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र पैरोल नियमों को ध्यान में रखते हुए उसे आपातकालीन पैरोले के लिए अपात्र घोषित किया. साथ ही कहा कि, इस अधिनियम की धारा 19 (सी) (2) के अनुसार विशेष कानून के तहत सजा प्राप्त कैदी को आपातकालीन पैरोल नहीं दी जा सकती.
जानकारी के मुताबिक इससे पहले वर्ष 2019 में दीपक आवले को नियमित पैरोल दी गई थी. किंतु वह पैरोल की अवधि खत्म होने के बावजूद जेल में वापिस नहीं लौटा और करीब 475 दिन फरार रहा. पश्चात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर एक बार फिर जेल पहुंचाया. इस बात को भी हाईकोर्ट द्वारा आपातकालीन पैरोल नकारते समय ध्यान में रखा गया तथा दीपक आवले की अर्जी को खारिज कर दिया गया.