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हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा शहंशाह दूल्हा रहमान का उर्स

जुलूस या संदल नही निकलेगा

  • कल गुरुवार से सालाना उर्स

परतवाड़ा/अचलपुर दि २७-:  विदर्भ ही नही अपितु सम्पूर्ण देश-विदेश के लोगो के श्रद्धास्थान सुल्तान दूल्हा अब्दुल रहमान गाजी ( रहमतुल्ला अलैह ) का सालाना उर्स कल गुरुवार , 28 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है.कोविड 19 के प्रदुर्भाव को देखते हुए इस साल दरगाह कमेठी ने जुलूस अथवा संदल नही निकालने का फैसला किया है,लेकिन हर साल की तरह इस समय भी पूरे हर्षोल्लास के साथ उर्स मनाया जायेगा. वीर पराक्रमी दूल्हा गाजी का राजा इल के साथ हुआ विराट युद्ध और अपनी वालिदा को सर पेश करने की महान शहादत से उनके नाम स्वर्णिमइतिहास लिखा हुआ है.उन्ही को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए हर साल उर्स का आयोजन किया जाता है.हर साल उर्स में देश के माने हुए कव्वाल अपनी रोचक प्रस्तुतियों से लोगो का मनोरंजन कर जाते वही इसी उर्स के अखाड़े में विदर्भ के माने हुए पहलवानों की कुश्तियां देखने भी जमघट लगता है.इस साल महामारी के चलते अब सब कुछ अत्यंत सादगीपूर्ण ढंग से किंतु उल्लास के साथ किया जायेगा.
जेरे मुताला जंग नामे में गज़नी के शहजादे शाह अब्दुल रहमान उर्फ़ सुल्तान दूल्हा अब्दुल रहमान ग़ाज़ी(रहमतुल्ला अलैह) और राजा ईल के दरमियान जंग के हलात का तजकिरा है (इलीचपुर) के कदीम दकनी के शयेर मोहम्मद ग़ाज़ी मिया ने नजम कीये है इस जंग के हलात को शाएर ने तारिख  जहनिय से अखज़ किया है तारीख जहानिया को तजकिरा निगारो ने “तारीख जहानी; और तारीखे जहनिया भी किखा है ईस जंग नाम में ग़ाज़ी मिया ने अपनी शाएरी मुनासीबत से नमाये जहा लिखा है वोह कहते है-
बे सर शहीद का यूंही बयां शहादत,
  • जो नमाये जहा में मजकुर है इबादत ।।

अचलपुर में स्थित हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक माने जाने वाली अब्दुल रहमान गाजी रहमतुल्ला अल्हे की दरगाह काफी पुरानी होकर यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते है फेजियाब होते हैं अचलपुर में मशहूर दरगाह अब्दुल रहमान गाजी रहमतुल्ला अलेह का सालाना उर्स ईद ए मिलाद उन नबी के मौके पर मनाया जाता है लेकिन इस बार करो ना महामारी को देखते हुए एकदम सादगी पूर्ण रूप से उर्स मनाया जाएगा ईद मिलादुन्नबी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है और पूरे अकीदत के साथ ईद ए मिलाद उन नबी अचलपुर में मनाई जाएगी इसी के साथ उर्स में हर वर्ष दुकाने झूले व सामानों की दुकानें लगती है लेकिन इस बार इसी प्रकार की दुकाने ना होकर सादगी पूर्ण रूप से मनाया जाएगा अचलपुर अब्दुल रहमान गाजी की दरगाह काफी पुरानी हो कर यहां पर वक्त के बादशाहों ने भी आकर हाजिरी लगाई थी दिल्ली के बादशाह अलाउद्दीन खिलजी भी अचलपुर की दरगाह पर आ चुके हैं तथा यहीं से आगे बढ़े थे 10 रबी उल अव्वल के मौके पर हर वर्ष उर्स की शुरुआत हो जाती है यहां पर दूर-दूर से अकीदत मंद  मन्नते मुराद लेकर आते हैं और फेज़याब होते हैं इस वर्ष ईद ए मिलाद उन नबी के मौके पर जुलूस भी नहीं निकाला जाएगा लेकिन पूरी अकीदत के साथ ईद ए मिलाद उन नबी अचलपुर में मनाई जाएगी अचलपुर में उर्स की शुरूआत भी हो जाएगी जिसके लिए अचलपुर की दरगाह को रोशनी से सजाया गया है
दरगाह शरीफ में तैयारियां शुरू हैऔर दरगाह शरीफ को सजाया जा रहा है. 30 अक्टूबर को ईदमिलादुन्नबी हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी. अचलपुर के काजी-ए-शहर सैय्यद ग्यासोद्दीन साहब ने ईद मिलाप के बारे में बताया कि इस वर्ष कोरोना के चलते जुलूस नही निकलेगा. लेकिन इस दौरान संभव जितना मानव सेवा, पशु-पक्षी सेवा कार्य करने का आग्रह सभी से किया गया है. इस अवसर पर अस्पतालों में मरीजो को फल वितरण का कार्यक्रम भी रखा जा रहा है. नबी की सुन्नतों पर अमल करने की हिदायत सभी आम और खास की दी गई है.
ऐतिहासिक नगरी एलिचपुर पश्चात इलीचपुर और अब अचलपुर यह सूफी-संतों की भूमि के रूप में जाना जाता है. शहंशाह दूल्हा रहमान गाजी का उर्स इस्लामी कैलेंडर के अनुसार 10 रबी उल अव्वल से होंगा और इसी रात से दरगाह शरीफ में उर्स की शुरुआत होंगी.कोविड के कारण इस साल जुलूस नही निकलेगा.दरगाह कमेठी के अनुसार नियमो को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.

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