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प्रलंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों ने काली फीत लगाकर किया आंदोलन

राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ व्दारा दिया गया निवेदन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – केंद्र शासन ने निजीकरण व ठेका पध्दति प्रक्रिया को अमल में लाने की शुरुआत कर दी है. जिसके खिलाफ आवाज उठाते हुए कामगार-कर्मचारी शक्ति का एल्गार अ.भा. राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ व्दारा गुरुवार को राष्ट्रीय विरोध दिन मनाते हुए सभी कर्मचारियों ने काली फीत लगाकर अपना रोष जताया. राज्य के सभी सरकारी, निजी कर्मचारी राष्ट्रीय विरोध दिन मनाएंगे.
यहां बता दें कि कर्मचारियों ने प्रस्तावित मांगों में पीएफआरडी कानून रद्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाये, बदली ठेका तथा मानधन के कर्मचारियों को सेवा में नियमित करने, सभी रिक्त पद तत्काल भरने, भर्ती अनुकंपा धारकों को प्रधानता देने, सभी का निःशुल्क टीकाकरण तुरंत पूरा करने, कोरोना से मृत कर्मचारियों के पाल्यों को अनुकंपातत्व पर नियुक्ति देने, रोका गया वेतन व भत्ता तत्काल लागू करने,पदोन्नति में पिछड़ा वर्गियों का आरक्षण कायम रखने, सातवें वेतन आयोग का तीसरा हफ्ता व प्रलंबित महंगाई भत्ता का बकाया तुरंत अदा करने, बक्षी समिति का खंड दो तुरंत लागू करने सहित विविध मांगों का समावेश है.
इस आंदोलन में अमरावती जिला सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन के अध्यक्ष एच.बी.घोम, अशोक हजारे, श्रीकृष्ण तायडे, वर्षा पागोटे, विजय सावरकर, वी.एस.पवार, नामदेव गडलिंग, मनोज दुबे, नामदेव मेटांगे, दिलीप मेश्राम,विलास जोशी, जयंत देशपांडे, अनिल मानकर, संजय वांदिले,नरेन्द्र बोबडे,ललिता अटालकर, आशा दाभाडे, आरती आठवले, गोपाल देशपांडे, मनोज भोनखडे आदि बड़ी संख्या में शामिल हुए.

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