जेल अधिक्षक व डॉक्टर के खिलाफ मनुष्यवध का अपराध दर्ज करे
कल्याण नगर निवासी कैदी की इलाज के दौरान मौत
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परिजनों की मांग, लाश स्वीकार नहीं करने की भूमिका अपनाई
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पोस्टमार्टम के लिए लाश अकोला रवाना
अमरावती प्रतिनिधि/ दि.२२ – स्थानीय कल्याण नगर निवासी टिंकेश देवेंद्र लांजेवार नामक युक जेल की सलाखों के पीछे था. इस दौरान उसकी अचानक तबीयत खराब हुई. परिजनों को इसकी सूचना दिये बगैर जिला अस्पताल में लाये जाने के बाद टिंकेश की मौत हो गई. काफी देरी से सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजनों ने स्पष्ट आरोप लगाया कि उनका बेटा स्वस्थ्य था. उसकी मौत के लिए जिम्मेदार जेल अधिक्षक व संबंधित डॉक्टर के खिलाफ मनुष्यवध का अपराध दर्ज किया जाए, ऐसी मांग करते हुए जब तक कार्रवाई नहीं की जाती तब तक लाश स्वीकार नहीं करेेंगे, ऐसी भूमिका अपनाई. फिलहाल कैदी होने के कारण लाश पोस्टमार्टम के लिए अकोला रवाना की गई. न्यायालयीन मुकदमे के तहत टिंकेश लांजेवार पिछले ११ माह से जिला मध्यवर्ती कारागृह में था. टिंकेश की मौत को लेकर उसकी मां संध्या लांजेवार ने फे्रजरपुरा के थानेदार के नाम ज्ञापन देते हुए कहा है कि लॉकडाउन शुरु होने के बाद जेल में रहने वाले उनके बेटे से मुलाकात नहीं हो पायी. मगर दो दिन पूर्व ही वीडिओ काल के माध्यम से चर्चा हुई. उस दौरान उसका स्वास्थ्य ठिक था, उसने अच्छे से बात भी की. मगर कल २१ अगस्त की रात करीब १२.३० बजे फे्रजरपुरा पुलिस थाने के दो कर्मचारी उनके घर आये और उन्होंने आवाज दी तब महिला के पुत्र मंगेश को महिला ने नींद से उठाकर बताया कि कोई आया है तब बाहर जाकर पुलिस कर्मचारियों से चर्चा की. उन्होंने मंगेश से पूछा की उनका छोटाभाई टिंकेश जेल में कैद है क्या, उसने हां में जवाब दिया. फिर उन्होंने बताया कि टिंकेश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. इसके बाद टिंकेश के परिजन टिंकेश के मामा सुदाम बोरकर सभी लोग अस्पताल पहूंचे मगर वहां कारागृह के कोई कर्मचारी नहीं दिखाई दिये, किसी वार्ड में भी टिंकेश नहीं दिखा. रात १ बजे उन्होंने पूछताछ की तब उन्हें बताया गया कि आईसीयू कक्ष में जाकर देखे. वहां जाने पर कर्मचारियों ने बताया कि महिला के बेटे टिंकेश की मौत हो गई है. घर के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार की शाम ४.३० के आसपास टिंकेश को अस्पताल में भर्ती किया गया था, परंतु इस बारे में उन्हें किसी तरह की सूचना नहीं दी गई. यह सरासर जेल प्रशासन की लापरवाही है. टिंकेश की मौत के लिए जेल अधिक्षक व संबंधित डॉक्टर जिम्मेदार है, इसलिए जब तक जेल अधिक्षक व संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ मनुष्यवध का अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक वे लाश स्वीकार नहीं करेंगे. पोस्टमार्टम इन कैमरा किया जाए और पोस्टमार्टम के समय उनके विश्वासपात्र डॉक्टर को शामिल किया जाए, ऐसी मांग की गई. इस समय सुदाम बोरकर, बंटी रामटेके, राजेश वानखडे, मनीष साठे, किशोर सरदार, कमलेश दंडाले, विक्रम जाधव, अभिजीत गोंडाणे, छोटू दाभाडे, सुनील रामटेके, शेषराव रंगारी आदि उपस्थित थे. टिंकेश जेल में था, इस वजह से पोस्टमार्टम के लिए लाश फिलहाल अकोला रवाना की गई है. वहां से वापस आने के बाद प्रशासन और मृतक टिंकेश के परिजन क्या कदम उठाते है, इसकी ओर सबका ध्यान लगा हुआ है.