अमरावतीमुख्य समाचारविदर्भ

हर्षोल्लास के साथ भक्तों के घर विराजे बाप्पा

  • विधि-विधान के साथ हुई श्री गणेश की स्थापना

  • इस बार कही कोई धूम-धडाका नहीं

  • बेहद सामान्य ढंग से हुआ श्रीगणेश का आगमन

  • उत्सवप्रियता पर भारी रहा संक्रमण के खतरे व नियमों-शर्तों का बोझ

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – प्रति वर्ष गणेशोत्सव पर्व (Ganesh Festival) पर गणेश चतुर्थीवाले दिन बाप्पा के आगमन को लेकर हर ओर उमंग, उत्साह, उल्हास एवं धूम-धडाकेवाला माहौल रहता है. लेकिन इस बार शहर सहित जिले में चल रहे कोरोना संक्रमण (Corona infection) के खतरे तथा कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों को लेकर प्रशासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों की वजह से ऐसा कोई नजारा दिखाई नहीं दिया और बेहद सादे व सामान्य ढंग से बाप्पा का अपने भक्त जनों के यहां आगमन हुआ. हालांकि तमाम विपरित हालात के बावजूद बाप्पा के भक्तजनों में हर्षोल्लास की कोई कमी नहीं रही और पूरा दिन शहर की सडकों पर ‘गणपती बाप्पा मोरया‘ का उद्घोष गूंजायमान रहा. गणेश चतुर्थी पर्व(Ganesh Festival) पर शनिवार की सुबह से शहर की सडकों पर भारी चहल-पहल दिखाई दी और मूर्ति विक्रेताओं के यहां मूर्तियां खरीदने के लिए गणेशभक्तों की भारी भीड उमडी. जहां से मूर्ति खरीदते समय सभी भक्तों के चेहरे पर जबर्दस्त उत्साह व खुशीवाले भाव थे. इस समय कई लोग अपने परिवार के साथ मूर्ति खरीदने आये थे और बच्चा कंपनी की उमंग अपने आप में सबसे अलग थी. साथ ही मूर्ति लेकर घर जाते समय हर कोई गणपति बाप्पा मोरया के उद्घोष लगा रहा था. जिससे वातावरण एकदम स्फूर्तिदायक हो गया था. शहर में लगभग पूरा दिन लोगबाग अपने दुपहियां वाहनों, चार पहियां वाहनों, साईकिलों और सीर-माथे पर रखकर बाप्पा को अपने घर ले जाते दिखाई दिये और अधिकांश इलाकों में पूरा दिन ‘सुखकर्ता-दु:खहर्ता‘ तथा ‘जय गणेश देवा‘ वाली आरतियों की धुने करतल ध्वनी के साथ सुनाई देती रही.

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  • सार्वजनिक गणेश मंडलों में बिना तामझाम के साथ हुई ‘श्रीं‘ की स्थापना

बता दें कि, प्रति वर्ष शहर के सभी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में भगवान श्री गणेश की स्थापना बडे धूम-धडाके व भव्य-दिव्य तरीके से होती है. जिसके तहत बडे व्यापक पैमाने पर शोभायात्राओं व जुलुस का आयोजन किया जाता है. साथ ही सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा एक से बढकर एक आकर्षक झांकियों व प्रतिकृतियों को साकार करते हुए बडे शानदार ढंग से गणेश पंडाल सजाये जाते है, लेकिन इस बार इस उत्सव प्रियता पर कोरोना (Corona) का खतरा भारी पड गया और सभी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों ने सरकारी एवं प्रशासनिक दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए बेहद सादे व सामान्य ढंग से गणेशोत्सव मनाने का फैसला किया. जिसके चलते शहर में बडे ही शानदार एवं भव्य-दिव्य ढंग से गणेशोत्सव मनाने और गणेश स्थापना के अवसर पर विशाल शोभायात्रा निकालने के लिए विख्यात बुधवारा परिसर स्थित आजाद हिंद गणेशोत्सव मंडल व नीलकंठ गणेशोत्सव मंडल, खापर्डे बगीचा स्थित न्यू आजाद गणेशोत्सव मंडल, रूख्मिनी नगर स्थित रूख्मिनी गणेशोत्सव मंडल, श्रीकृष्णपेठ स्थित श्रीकृष्ण पेठ सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल तथा टोपेनगर स्थित टोपेनगर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल सहित सभी गणेशोत्सव मंडलों ने बडे ही सादे व सामान्य ढंग से गणेश चतुर्थी पर्व पर गणेश स्थापना की. बता दें कि, गत वर्ष जहां शहर में ४७१ सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा गणेश स्थापना की गई थी, वहीं इस वर्ष मात्र १२३ गणेशोत्सव मंडलों द्वारा प्रशासन से गणेशोत्सव हेतु अनुमति मांगी गयी है और इन सभी गणेशोत्सव मंडलों ने इस बार गणेशोत्सव पर्व पर कोई भव्य-दिव्य आयोजन नहीं करने तथा भाविक श्रध्दालुओं को घर बैठे गणेश दर्शन कराने हेतु विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये ऑनलाईन गणेश दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. साथ ही इस दस दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान विभिन्न सामाजिक उपक्रमों को आयोजीत करने का नियोजन भी तय किया गया है.

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